अजमेर. राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की तैयारियां जोरों पर हैं. इसी क्रम में दरगाज के दोनों देगों का ठेका छोड़ दिया गया. अजमेर में ख्वाजा साहब की 809 वें सालाना उर्स होने जा रही है. इस दौरान दरगाह स्थित दोनों देगों का ठेका तीन दिन तक चली बोलियों के बाद दो करोड़ सात लाख रुपये में छोड़ दिया गया.
खादिमों की संस्था अंजुमन मोईिनया फखरिया चिश्तिया सैयद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने बताया कि पंद्रह दिनों के लिए यह ठेके की बोली हाजी इफ्तेखार ने सवार्िधक दो करोड़ सात लाख रुपये की लगाई. यह ठेका आठ फरवरी को झंडा चढ़ने की रस्म से 21 फरवरी 2021 तक के लिए छोड़ा गया है. तीन दिन तक दरगाह में रात को चली देगों की ठेके के लिए बोली का काम चलता रहा जिसे आज अंतिम रूप दे दिया गया.
उल्लेखनीय है कि दरगाह के बुलंद दरवाजे के दोनों और छोटी एवं बड़ी देगें बादशाह अकबर द्वारा स्थापित कराई गई थी जिसमें चावल पकाकर बतौर तवरुर्क जायरीनों एवं जरूरतमंदों को मेले में तकसीम किया जाता है. हर साल उर्स एवं पुष्कर मेले के लिए यह पच्चीस दिनों का ठेका होता है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते असमंजस पूर्ण स्थिति को देखते हुए पुष्कर मेले को इसमें शामिल नहीं किया गया है.