आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली
विदेशी मीडिया और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370हटने के प्रति नजरिया बदलने लगा है. अमेरिका की ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज की 2020 की रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद लोकतंत्र की बहाली को लेकर किए गए प्रयासों की काफी सराहना की गई है. इसमें कहा गया है कि 370 हटने के बाद वहां कई अच्छे कार्य हुए हैं. पंचायत चुनाव में विपक्षी पार्टियां पहली बार चुनकर आईं, जो स्वस्थ्य लोकतंत्र की बेहतर मिसाल है. इसके अलावा रिपोर्ट में इनटरनेट बहाली की प्रशंसा की गई है.
अब बात-बेबात भारत की नीतियों की आलोचना करने वाले गल्फ देशों की मीडिया के भी सुर बदले हैं. कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बाद की स्थिति पर ‘सउदी गजट’ ने विस्तृत रिपोर्ट छापा है, जिसमें केंद्र सरकार की काफी सराहना की गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू कश्मीर के विकास के लिए पहल और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
विशेषकर क्षेत्र के युवाओं ने विकास को लेकर किए जा रहे प्रयासों के प्रति सकारात्मकता दिखाई है. वे भी ’न्यू इंडिया’ की प्रगति और समृद्धि में भागीदार बनने की इच्छा दिखा रहे हैं. यहां तक कि स्थानीय आतंकवादी ने भी 5 अगस्त, 2019 के बाद एक तरह से हथियार उठाना छोड़कर पुनर्वास के प्रयास में लग गए हैं. वे भी राष्ट्र की मुख्यधारा का हिस्सा बनना चाहते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि कश्मीर के अधिकांश स्थानीय नेतायह दावा करते थे कि ‘यदि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया जाता है, तो किसी को भी तिरंगा फहराने नहीं दिया जाएगा’, गलत साबित हो चुके हैं. गल्फ न्यूज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गुलमर्ग में हाल के दिनों में कश्मीरी युवा तिरंगा लहराते दिखे थे, जो इस बात का सबूत है कि देश का झंडा उनके दिन के कितने करीब है.
केंद्र सरकार भी इस केंद्र शासित प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिश में लगी है. इसी क्रम में उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें युवा वर्ग ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया.
अखबार लिखता है, “हाल में, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया था कि गुलमर्ग में आयोजित खेल दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. जम्मू-कश्मीर को शीतकालीन खेलों का केंद्र बनाया जाएगा .
प्रधानमंत्री का कहना है कि गुलमर्ग के इन खेलों से पता चलता है कि जम्मू और कश्मीर शांति और विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए उत्सुक है. ये खेल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के उद्देश्य को मजबूत करेंगे. जम्मू श्रीनगर के 20 जिलों में खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सेंटर विकसित किए जा रहे हैं.
इसके अलावा इस क्षेत्र के छात्रों के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके तहत गरीब परिवार के युवाओं को देश के पेशेवर कॉलेजों में प्रवेश पाने में मदद की जा रही है. यही नहीं पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें देश-विदेश के बड़े कॉर्पोरेट घरानों में नौकरी दिलाने में भी सहायता की जाएगी.
गल्फ न्यूज’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने और भारत के पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए कई पहल की गई है. इस तरह की एक पहल 25 मार्च, 2021 से एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को जनता के लिए खोलने के तौर पर की गई. इसके साथ ही क्षेत्र में नए पर्यटन सीजन की शुरुआत हो गई. ट्यूलिप गार्डन को पहले सिराज बाग के नाम से जाना जाता था. सर्दियों में यह बर्फ से ढंका होता है. इसमें 64 से अधिक किस्मों के 15 लाख ट्यूलिप फूल हैं.
ट्यूलिप गार्डन के अलावा, सरकार ने 21 मार्च से श्रीनगर के ऐतिहासिक बादामवारी उद्यान को भी फिर से खोल दिया है. इसके अलावा अधिकारियों की पहल पर महत्वपूर्ण बाजारों, प्रमुख धार्मिक स्थलों के नवीकरण का काम भी शुरू कर दिया गया हैं. यही नहीं ‘‘स्मार्ट सिटी‘‘ परियोजना के तहत, श्रीनगर में 20 धार्मिक स्थलों को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है.
जुलाई के अंत तक धार्मिक स्थलों के नवीनीकरण के अलावा, ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के डाउनटाउन क्षेत्र के महत्वपूर्ण बाजारों को आधुनिक तौर पर विकसित किए जाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
अखबार की रिपोर्ट पर यकीन करें तो जिन धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, उनमें दरगाह हजरतबल मंदिर, मखदूम साहिब मंदिर, इमाम बड़ा पंड्रेथन, सैयद हैदर सिसैनी हैदरपोरा, गणेश मंदिर बरबर शाह श्रीनगर, रजाक साहिब नरवारा, जेनाब साहिब सौरा, डेढ़ मौज जिन्ना साहिब, खानक मो’आला, शंकर अचरिया मंदिर, नकसबंद साहिब नौहट्टा, चट्टी पडशाही रेनवारी आदि शामिल हैं.