पाकिस्तान में बाढः मोदी ने तबाही पर जताया दुख

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 30-08-2022
पाकिस्तान में बाढः मोदी ने तबाही पर जताया दुख
पाकिस्तान में बाढः मोदी ने तबाही पर जताया दुख

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही पर दुख जताया है. उन्होंने सोमवार को अपने एक ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर दुख हुआ. हम अपनी जान गंवाने वालों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं. आशा करते हैं कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी.

पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, जो प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए जिम्मेदार है, देश में मानसून के मौसम में हुई असामान्य बारिश और बाढ़ के परिणामस्वरूप ढाई महीने में 1136 लोगों की मौत हो गई.

पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर मोदी ने कहा, हम पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली की आशा करते हैं.

महत्वपूर्ण बात यह है कि इस स्थिति से निपटने के लिए पाकिस्तान के संघीय खाद्य सुरक्षा मंत्रालय ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह भारत सहित पड़ोसी देशों से तुरंत सब्जियां आयात करे. साथ ही देश में अगले साल गेहूं की आवश्यकता को पूरा करने का अनुमान भी लगाए.

पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक मंत्रालय की ओर से सुझाव दिया गया है कि अगर देश में सब्जी संकट को दूर करना है तो पड़ोसी देशों से सब्जियां खरीदनी होंगी, जिनमें भारत, अफगानिस्तान, ईरान और तुर्की शामिल हैं.

भारत सबसे उपयुक्त होगा जहां से परिवहन लागत कम होगी और आयात बिल भी कम होगा. इस संबंध में संघीय वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकेत दिया है कि अगर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत से सब्जियां मंगनी हैं, तो उन्हें भी मंगवाया जाएगा.

ध्यान रहे है कि पाकिस्तान की पूर्व सरकार ने कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए भारत के 5 अगस्त, 2019 के कदम के बाद भारत के साथ व्यापार समाप्त करने की घोषणा की थी. बाद में दवाओं में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के आयात की अनुमति देने के फैसले में संशोधन किया गया.

दूसरी ओर, खाद्य सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, देश को अगले वित्तीय वर्ष के लिए 387,210 मीट्रिक टन गेहूं की आवश्यकता है, जिसके लिए स्थानीय उत्पादन 263,890,000 मीट्रिक टन होने का अनुमान है. 43 लाख 98 हजार 210 मीट्रिक टन की कमी होगी जिसे विभिन्न स्रोतों से पूरा किया जाना है.