भारत की आनः पहले एयरक्राफ्ट कैरियर 'विक्रांत'' का जलावतरण तीन सितंबर को

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 25-08-2022
भारत की आनः पहले एयरक्राफ्ट कैरियर पोत विक्रांत का जलावतरण होगा तीन सितंबर को
भारत की आनः पहले एयरक्राफ्ट कैरियर पोत विक्रांत का जलावतरण होगा तीन सितंबर को

 

नई दिल्ली. भारतीय नौसेना के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने गुरुवार को कहा कि स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के चालू होने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत को तीन सितंबर को कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना में शामिल किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.

वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि विमानवाहक पोत का चालू होना एक ‘अविस्मरणीय’ दिन होगा, क्योंकि यह देश की समग्र समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय नौसेना दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण पर भी जोर दे रही है, उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श जारी है.

आईएनएस विक्रांत पर, उन्होंने कहा कि इसकी कमीशनिंग एक ऐतिहासिक अवसर होगा और यह ‘राष्ट्रीय एकता’ का भी प्रतीक है, क्योंकि इसके कंपोनेंट विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं. लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस विमानवाहक पोत ने पिछले महीने समुद्री परीक्षणों के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया. ‘विक्रांत’ के निर्माण के साथ, भारत उन चुनिंदा राष्ट्रों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी रूप से विमानवाहक पोत का डिजाइन और निर्माण करने की विशिष्ट क्षमता है.

जहाज में 2,300 से अधिक कक्ष हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के दल के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन भी शामिल हैं. विक्रांत की शीर्ष गति लगभग 28 समुद्री मील और लगभग 7,500 समुद्री मील की सहनशक्ति के साथ 18 समुद्री मील की परिभ्रमण गति है. विमानवाहक पोत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और इसकी ऊंचाई 59 मीटर है. इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ था.

नौसेना ने कहा कि जहाज 88 मेगावाट की कुल चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है और इसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील है. परियोजना को मई 2007 से रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच अनुबंध के तीन चरणों के तहत लागू किया गया है.