आजम खां और उनके बेटे पर फिर साजिश की एफआईआर दर्ज

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 12-08-2021
मोहम्मद आजम खां और अब्दुल्ला आजम
मोहम्मद आजम खां और अब्दुल्ला आजम

 

रामपुर (यूपी). सुप्रीम कोर्ट द्वारा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सांसद मोहम्मद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कथित धोखाधड़ी और दस्तावेजों की जालसाजी के मामले में जमानत दिए जाने के निर्देश के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक संबंधित मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. साथ ही, दोनों पर आपराधिक साजिश की गैर-जमानती धारा के तहत मामला दर्ज किया है.

जन्म प्रमाणपत्र की कथित जालसाजी से संबंधित, रामपुर में 2019 में दायर की गई इस प्राथमिकी में जमानत पाने के लिए खान और उनके बेटे को अब एक नई जमानत याचिका दायर करनी होगी.

प्राथमिकी में खान की पत्नी तंजीन फातिमा का भी नाम था.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल अक्टूबर में मामले के तीनों आरोपियों को सशर्त जमानत दी थी, जिसके बाद तंजीन फातिमा को जेल से रिहा कर दिया गया था.

रामपुर के एडिशनल एसपी संसार सिंह ने कहा, “हमने इस मामले में आजम खां, उनकी पत्नी और उनके बेटे के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की है और इसमें धारा 120बी जोड़ी है, क्योंकि आपराधिक साजिश के स्पष्ट सबूत हैं.”

पूरक आरोपपत्र के समय के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा, “हम मामले पर काम कर रहे थे. इस मामले में मुख्य आवेदक आकाश सक्सेना (भाजपा नेता) से एक आवेदन प्राप्त होने के बाद हमने कार्रवाई की.”

एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां पूरक आरोपपत्र नए आरोपों के साथ दायर किया जाता है - यहां तक कि जब एक अदालत द्वारा जमानत को मंजूरी दी जाती है - आवेदक को जोड़े गए नए वर्गो में जमानत के लिए आवेदन करना होता है.

यह पिता-पुत्र की जोड़ी के लिए एक नए झटका है, जो फरवरी 2020 से जेल में हैं, और जिन्हें मंगलवार को शीर्ष अदालत ने जमानत दे दी थी.

अदालत ने कहा था कि चूंकि मामले में आरोपपत्र दायर किया गया है, निचली अदालत द्वारा दो सप्ताह के भीतर मुखबिर का बयान दर्ज करने के बाद उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.

आजम ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अपने बेटे को दूसरा पैनकार्ड दिलाने में मदद की थी. गलत जन्मतिथि ने उन्हें 2017 में रामपुर के सुअर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने में सक्षम बनाया. दोनों के खिलाफ जालसाजी के कई मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर में उन्हें जमानत मिल गई है.