नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की तेजतर्रार सांसद महुआ मोइत्रा देवी काली पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर एक बड़े विवाद में फंस गई हैं. देवी काली के उपासकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में सांसद के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
देवी काली को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब मदुरै में जन्मी और टोरंटो की फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई ने एक आपत्तिजनक पोस्टर जारी किया, जिसमें काली देवी के रूप में तैयार एक महिला और सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है.
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, "मेरे लिए काली एक मांस खाने वाली, शराब स्वीकार करने वाली देवी है. आपको अपनी देवी की कल्पना करने की स्वतंत्रता है. कुछ स्थान हैं, जहां देवताओं को शराब की पेशकश की जाती है और कुछ अन्य स्थानों पर यह निन्दा होगी."
महुआ मोइत्रा ने ये टिप्पणी एक इंग्लिश न्यूज चैनल के कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के दौरान की. महुआ मोइत्रा की आपत्तिजनक टिप्पणी से टीएमसी ने कुछ ही घंटों में दूरी बना ली. हालांकि, संसद के निचले सदन में अपने उग्र भाषणों के लिए जानी जाने वाली लोकसभा सांसद ने कहा है कि वह हर एफआईआर का सामना करने और लड़ने के लिए तैयार हैं.
इस मुद्दे पर महुआ मोइत्रा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में लोगों की राय जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक देशव्यापी सर्वे किया.
सर्वे के दौरान, अधिकांश भारतीयों ने टीएमसी सांसद के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को मंजूरी दी. सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 66 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई उचित है. हालांकि, 34 प्रतिशत ने भावना को साझा नहीं किया.
सर्वे के दौरान, जहां एनडीए के 76 प्रतिशत मतदाताओं ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया, वहीं विपक्षी समर्थकों के विचारों को इस मुद्दे पर विभाजित किया गया, जिनमें से 58 प्रतिशत ने पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया.
सर्वे से आगे खुलासा हुआ कि शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाताओं के बहुमत ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को सही ठहराया. सर्वे के दौरान, 67 प्रतिशत शहरी मतदाताओं और 65 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं ने कहा कि पुलिस ने देवी काली पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए लोकसभा सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में सही कदम उठाया है.