फातिमा शेख थी देश की पहली मुस्लिम शिक्षिका

Story by  शाहताज बेगम खान | Published by  [email protected] | Date 05-09-2021
फातिमा शेख
फातिमा शेख

 

आवाज विशेष । शिक्षक दिवस

शाहताज बेगम खान/ पुणे  

अतीत के अंधेरों में कहीं गुम एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने अपने समय को रोशन करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी और आज उसे ही तलाश करने के लिए आधुनिक काल की सारी सुविधाएं भी कम पड़ रही हैं. जिस ने शिक्षा के दीप प्रज्ज्वलित किए, अंधकार में डूबी जिंदगियों को सुन्दर भविष्य की ओर अग्रसर किया, आज उसके केवल चिन्ह मिलते हैं पूरा अस्तित्व दिखाई नहीं देता.

पहली मुस्लिम शिक्षिका

पुणे महाराष्ट्र में एक मुस्लिम महिला, फातिमा शेख़ भी हुई हैं जिसने शिक्षा के क्षेत्र में फुले दंपत्ति अर्थात ज्योति बा फुले और सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर शिक्षा के महत्त्व के प्रति लोगों को जागरूक करने में अपनी सफल भूमिका निभाई. वह 1848 में सावित्री बाई फुले के साथ नज़र आती हैं. जहां वह उन का उस मुश्किल समय में साथ देती हैं जब सारा समाज फुले दंपत्ति को अपने ज़ुल्म का निशाना बना रहा था.

जब ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले को अपने घर से निकलने के लिए मजबूर कर दिया गया था तब उन के दोस्त उस्मान शेख़ और फातिमा शेख़ ने आगे बढ़कर उन्हें सहारा दिया था. फातिमा शेख़ और उनके भाई उस्मान शेख़ ने उन्हें रहने के लिए घर दिया बल्कि उनके मिशन में उनका भरपूर सहयोग किया.

फातिमा शेख़ की मौजूदगी के प्रमाण

कुछ चित्र हैं जिन में सावित्री बाई फुले और फातिमा शेख़ एक साथ नज़र आती हैं. अक्टूबर 1856में सावित्री बाई फुले ने अपने पति को एक पत्र लिखा था जिसमें बहुत सम्मान और आदर के साथ फातिमा शेख़ का ज़िक्र किया कि उनकी गैर मौजूदगी में स्कूल की जिम्मेदारी भलीभांति संभाल लेंगी.

 

बाल भारती उर्दू

2014 में महाराष्ट्र उनके कार्यों को सराहते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. महाराष्ट्र स्टेट ब्यूरो ने बाल भारती उर्दू के पाठ्य पुस्तक में फातिमा शेख़ को सर सैयद अहमद खान, जाकिर हुसैन, अबुल कलाम आज़ाद जैसी महान हस्तियों के साथ एक उचित स्थान दिया है. इस पाठ में उनका संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है.

शिक्षा के क्षेत्र में योगदान

सावित्री बाई फुले के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चलने वाली फातिमा शेख़ ने दलितों और ख़ास तौर पर लड़कियों के लिए शुरू किए गए स्कूलों तक लोगों को लाने की जिम्मेदारी संभाली. सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी संभाली. मिसेज मिशेल नॉर्मल स्कूल, पुणे से उन्होंने अपनी स्कूल की शिक्षा प्राप्त करने के बाद मिस फरार इंस्टीट्यूट अहमदनगर से टीचर ट्रेनिंग भी हासिल की. यह वही इंस्टीट्यूट है जहां से सावित्री बाई फुले ने भी टीचर्स ट्रेनिंग हासिल की थी.

फातिमा शेख़ के बारे में

9 जनवरी को फातिमा शेख़ का जन्म हुआ. उन के परिवार के नाम पर केवल बड़े भाई उस्मान शेख़ उनके साथ दिखाई देते हैं. ये कई सदियों पुरानी बात नहीं है. अभी 150-200 वर्ष पूर्व वह मौजूद थीं. परन्तु उन से संबंधित जानकारी के नाम पर केवल कुछ चित्र और पुराने पत्रों में फातिमा से संबंधित कुछ जुमले ही मिलते हैं.

यह बहुत दुःख का विषय है कि उसी दौर में सावित्री बाई फुले, मिसेज फेरर, मिस मिशेल इत्यादि की भरपूर जानकारी उपलब्ध है लेकिन फातिमा शेख़ के कामों का उल्लेख बहुत कम मिलता है.