परिसीमन आयोग की दूसरी बैठक में शामिल होने पहुंचे फारुख अब्दुल्ला और मसूदी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 20-12-2021
 फारुख अब्दुल्ला और मसूदी
फारुख अब्दुल्ला और मसूदी

 

नई दिल्ली. दिल्ली में परिसीमन आयोग की दूसरी बैठक में शामिल होने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और सांसद हसनैन मसूदी व केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह अशोक होटल पहुंचे. परिसीमन आयोग के एसोसिएट सदस्यों में नेशनल कांफ्रेंस के तीनों सांसद डा. फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन के अलावा भाजपा के दोनों सांसद जुगल किशोर शर्मा और डॉ. जितेंद्र सिंह शामिल है.

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा था कि परिसीमन आयोग पर उन्हें भरोसा नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि परिसीमन आयोग के माध्यम से भाजपा की कोशिश रहेगी कि जम्मू-कश्मीर की अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक आबादी को आपस में लड़ाया जाए और सीटें बढ़ाई जाएं, ताकि भाजपा को फायदा हो.

इसलिए परिसीमन आयोग पर हमें कोई भरोसा नहीं है. हालांकि इससे पहले इसी साल फरवरी में हुई परिसीमन आयोग की पहली बैठक का नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बहिष्कार किया था लेकिन इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य इस बैठक में शामिल हो रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को राजधानी दिल्ली में हो रही परिसीमन आयोग की इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. हालांकि, इस बैठक में जम्मू कश्मीर के परिसीमन का अंतिम फैसला नहीं होगा, लेकिन यह प्रदेश के भावी राजनीतिक समीकरणों का संकेत जरूर देगी.

इससे पहले जम्मू कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया 26 साल पहले हुई थी. अंतिम बार वहां साल 1995 में परिसीमन किया गया था। ये परिसीमन जम्मू कश्मीर संविधान और जम्मू कश्मीर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत जस्टिस केके गुप्ता की अध्यक्षता में बनाए आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किया गया था.

फिलहाल परिसीमन आयोग ने 900 नागरिकों व राजनीतिक संगठनों से 280 ज्ञापनों, प्रदेश सरकार से जानकारी और 2011 की जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का संभावित प्रारूप तय किया है जिस पर सोमवार की इस दूसरी बैठक में चर्चा होगी.

जम्मू कश्मीर राज्य की 87 में से 46 सीट कश्मीर में हैं और 37 जम्मू में, साथ ही 4 सीट लद्दाख में थी। लद्दाख प्रदेश की चार सीटें अब समाप्त हो चुकी हैं और जम्मू कश्मीर में 83 विधानसभा सीटें हैं, जिन्हें बढ़ाकर अब 90 सीट किया जाना तय हुआ है.