किसान आंदोलनः प्रशासन ने बहाल की करनाल में इंटरनेट सेवा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 10-09-2021
करनाल में इंटरनेट सेवा बहाल
करनाल में इंटरनेट सेवा बहाल

 

करनाल. हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय में चल रहे किसान आंदोलन का चौथा दिन है. स्थानीय प्रशासन ने इंटरनेट सुविधाओं को बहाल कर दिया है. प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए इंटरनेट की बहाली ने उन्हें राहत दी है.

करनाल और निकटवर्ती पांच जिलों में इंटरनेट बंद होने से उद्योग और व्यापार नकारात्मक ढंग से प्रभाावित हुआ और अरबों का व्यापार रुक गया.

शहर के एक व्यवसायी गुलजार सिंह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया है और अब हमें उम्मीद है कि वे किसानों की मांगों पर भी विचार करेंगे.

धरना स्थल पर एक किसान जयनाल सिंह ने कहा कि इंटरनेट की बहाली पर्याप्त नहीं है, हम यहां अधिकारी आयुष सिन्हा को बर्खास्त करने और घटना में मारे गए किसान को मुआवजा देने की अपनी वास्तविक मांग के लिए लड़ रहे हैं.

किसान संघ के नेता गुरुनाम सिंह चादुनी ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा था कि इंटरनेट सेवा बंद करना हमारे अभिव्यक्ति के अधिकार पर हमला है. हर किसी को बोलने और व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन प्रशासन हमारे अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है.

किसानों के भड़काऊ भाषणों के प्रसार को रोकने के लिए 7सितंबर को किसान महापंचायत से पहले करनाल के आसपास के पांच जिलों में इंटरनेट सुविधाओं को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि अब सभी जिलों में सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं.

इस बीच, किसान संघों ने अपनी मांगों के समर्थन में भविष्य की कार्रवाई को अंतिम रूप देने के लिए शनिवार (11सितंबर) को फिर से बैठक करने का फैसला किया है.

किसान संघों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अब सरकार से तभी बात करेंगे जब 28अगस्त को करनाल के बस्तर टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज का आदेश देते हुए एक वायरल वीडियो में विवादित बयान देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज होगा.

आंदोलनकारी किसानों की मांगों में सिन्हा को तत्काल बर्खास्त करना और उनके खिलाफ मामला दर्ज करना शामिल है. इसके अलावा, वे घटना में मारे गए किसान के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये और सरकारी नौकरी और घायल किसानों के लिए 2-2 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.