पंजाब, हरियाणा में किसानों ने ट्रेनें रोकना शुरू किया

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 18-02-2021
अमृतसर में रेलवे ट्रेक पर धरना देते किसान
अमृतसर में रेलवे ट्रेक पर धरना देते किसान

 

अपडेटः

अपराह्न: 13.59 / 18 फरवरी, 2021

 

बिहार: किसानों के रेल रोको आंदोलन के आह्वान पर जन अधिकार पार्टी (JAP) के कार्यकर्ताओं ने पटना में रेल रोकी। #farmlaws

 

 

पंजाब: किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी ने रेल रोको आंदोलन के तहत अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। #FarmersProtest

 

 

 

हरियाणा: रेल रोको आंदोलन के मद्देनज़र किसानों ने पलवल में रेलवे ट्रैक को ब्लॉक किया।

 

 

 

अपडेटः

अपराह्न: 13.34 / 18 फरवरी, 2021

 

चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा में किसानों ने गुरुवार को केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देशव्यापी आह्वान पर चार घंटे लंबा ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू किया. गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान धरने पर हैं. हालांकि, दोनों राज्यों में कहीं भी हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं है.

किसान यूनियनों द्वारा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने के अलावा, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है.

एक वीडियो में, भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों से अपील की है कि वे अपने-अपने जिलों में निर्दिष्ट स्थानों पर इकट्ठा हों और विरोध को सफल बनाएं.

उन्होंने किसानों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि विरोध शांतिपूर्ण तरीके से हो.

एडिशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर (ऑपरेशंस), अंबाला डिवीजन, पंकज गुप्ता ने मीडिया को बताया कि कानून और व्यवस्था के लिए रेलवे सुरक्षा विशेष बल की अतिरिक्त कंपनियां तैनात हैं.

किसान आंदोलन: रेल यात्री रहें सावधन

 
नई दिल्ली. तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन न सिर्फ 85 से अधिक दिन पार कर गया, धीरे, धीरे यह राष्ट्रव्यापी भी होता जा रहा है. आंदोलन को व्यापक रूप देने के लिए ही गुरुवार को देशव्यापी रेल के चक्का जाम का ऐलान किया गया है. चक्का जाम दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। ऐसे में इस दौरान रेल से यात्रा करने वालों को परेशानी उठानी पड़ सकती है.
 
हालांकि किसानों के संयुक्त मोर्चा की तरफ से कहा गया कि रेल का चक्का जाम शान्तिपूर्वक होगा. मगर जिस तरह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई. लालकिला सहित दिल्ली के कई हिस्से में तोड़फोड़ की वारदातें हुईं . उसके मद्देनजर रेलवे प्रशासन, सरकार और सुरक्षा एजेंसियां खासा चौकस हैं.
 
गणतंत्र दिवस जैसी घटना रेलवे पटरियों और रेलवे स्टेशनों पर दोहराई नहीं जाएं, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.कल रेल चक्का जाम को देखते रेलवे सुरक्षा बल की ओर से एक विशेष बैठक हुई जिसमें आंदोलनकारियों से निपटने और ट्रेनें निर्बाध्य चलती रहें. इसपर विचार विमर्श किया गया.
 
उम्मीद की जा रही कि रेलवे के चक्का जाम का असर सर्वाधिक हरियाणा, पंजाब, राजस्थान , पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में देखने को मिलेगा. ऐसे  में इन प्रदेशों में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं.