आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि हाल के महीनों में महाराष्ट्र में निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती रही हैं, लेकिन इसकी शिकायत करने पर निर्वाचन आयोग ‘तानाशाह’ जैसा रवैया अपनाता है।
शिवसेना (उबाठा) के अनिल देसाई ने चुनाव सुधारों पर सदन में जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि चुनाव लोकतंत्र का आधार होता है और इसे लोकतंत्र की आत्मा कहा जाता है, लेकिन महाराष्ट्र सहित देशभर में चुनाव सुधारों के नाम पर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
देसाई ने महाराष्ट्र में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में जारी गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने जब निर्वाचन सदन जाकर अपनी आवाज उठाई तो आयोग ने ‘‘तानाशाहों की तरह रवैया पेश किया’’।
उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में गड़बड़ी से निर्वाचन आयोग के क्रियाकलापों को लेकर अंगुली उठती है। उन्होंने सवाल किया कि यदि मतदाता सूची में गड़बड़ी रहती है तो फिर निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव होगा।
उन्होंने राज्य में दल-बदल निरोधक कानून की धज्जियां उड़ाये जाने का भी आरोप लगाया। उनका इशारा अविभाजित शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में भितरघात करके दोनों दलों को तोड़े जाने की ओर था। उन्होंने कहा कि ऐसा केवल दंतहीन कानून से ही संभव हो सकता है।