फैक्ट-चेकिंग ग्रुप ने पाक मीडिया की यासीन मलिक से जुड़ी फर्जी खबरों का किया पर्दाफाश

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 08-06-2022
फैक्ट-चेकिंग ग्रुप ने पाक मीडिया की यासीन मलिक से जुड़ी फर्जी खबरों का किया पर्दाफाश
फैक्ट-चेकिंग ग्रुप ने पाक मीडिया की यासीन मलिक से जुड़ी फर्जी खबरों का किया पर्दाफाश

 

नई दिल्ली. एक फैक्ट-चैकर संगठन ने पाकिस्तानी मीडिया का पर्दाफाश किया है, जो जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर फर्जी और भ्रामक खबरें फैला रहा है. डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर (डीएफआरएसी) एक गैर-पक्षपातपूर्ण और स्वतंत्र मीडिया संगठन है, जो तथ्य-जांच और अभद्र भाषा की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करता है. संगठन ने खुलासा किया कि जैसे-जैसे यासीन मलिक के मामले की सुनवाई अपने निष्कर्ष के करीब पहुंच रही थी, वैसे-वैसे ‘फ्रीयासीनमलिक’, ‘रिलीजयासीनमलिक’, पाकस्टैड्सविदयासीनमलिक हैशटैग भी सोशल मीडिया साइट्स पर बढ़ा दिए गए.

मलिक को दिल्ली की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने 19 मई को आतंकी फंडिंग के मामलों में दोषी ठहराया था और 25 मई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. मामले के अंत में, सोशल मीडिया साइटों पर हैशटैग की आवृत्ति भी बढ़ा दी गई थी. जब अदालत ने यासीन मलिक को दोषी करार दिया, तो हैशटैग लगभग अपने चरम पर पहुंच गया. डीएफआरएसी की रिपोर्ट के अनुसार यासीन मलिक की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया साइटों पर घूम रहे थे और झूठे दावों के साथ बड़े पैमाने पर वायरल हो गए.

पाकिस्तान की सरकार और विपक्ष दोनों ने सर्वसम्मति से यासीन मलिक की गिरफ्तारी की निंदा की है. इस दौरान यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शन आयोजित करने में काफी सक्रिय रहीं. कई पाकिस्तानी यूजर्स ने दावा किया कि यासीन मलिक की रिहाई के सिलसिले में श्रीनगर में एक विशाल स्वतंत्रता मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें कई लोगों ने हिस्सा लिया. एक अन्य यूजर वकार अहसान कश्मीरी ने इसे फेसबुक पर कैप्शन दिया, ‘ये है आजादी मार्च. श्रीनगर में यासीन मलिक को रिहा करो.’’ इसी तरह ट्विटर पर कई यूजर्स ने भी इस तस्वीर को लेकर ऐसा ही दावा किया है.

हालांकि, जब डीएफआरएसी ने इस तस्वीर को इंटरनेट पर रिवर्स इमेज सर्च किया, तो पता चला कि यह तस्वीर 2018 की वाशिंगटन रैली की है. गेटी इमेजेज ने इसे 24 मार्च, 2018 को अपनी वेबसाइट पर कैप्शन दिया, ‘सेलिब्रिटीज मार्च में वाशिंगटन, डीसी में हमारे जीवन के लिए शामिल हुए.’ इस तरह, यासीन मलिक के बारे में वायरल दावा निराधार और भ्रामक है, क्योंकि श्रीनगर में आयोजित स्वतंत्रता मार्च की तस्वीर अमेरिका की है, जिसे 2018 में कैद किया गया था.

इन हैशटैग से इंटरैक्ट करने वाले ज्यादातर अकाउंट पाकिस्तान के हैं. यह पाया गया कि 11,000 उपयोगकर्ताओं में से 8,100 से अधिक उपयोगकर्ता पाकिस्तान से थे. यासीन मलिक पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश और अवैध गतिविधियों में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप थे.

अदालत ने यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, धारा 17, धारा 18 और धारा 20 के तहत दोषी पाया. इन धाराओं में आतंकवादी गतिविधि, आतंकवादी गतिविधि के लिए धन जुटाना, आतंकवादी कृत्यों को करने की साजिश, और आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना जैसे अपराध शामिल हैं.