गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, मस्जिद की रखी गई नींव, कार्यक्रम हुआ गुरुद्वारे में

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल
गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली / मोगा ( पंजाब )

भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसालें यूं ही नहीं दी जातीं. आए दिन हमारे सामने ऐसे-ऐसे उदाहरण होते हैं कि यह सब केवल हिंदुस्तान में ही देखना-सुनना संभव हो सकता है.कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऐसे अनेक उदाहरण सामने आए हैं.
 
अब एक ऐसी ही मिसाल पंजाब के मोगा में देखने को मिली है. इस जिले के भलूर गांव में मस्जिद की नींव रखते समय जोरदार बारिश ने जब व्यवधान डाला तो इसका सारा कार्यक्रम पास के गुरूद्वारे में आयोजित किया गया. वह भी किसी और की पहल पर नहीं, बल्कि सिखों की अगुवाई में. इसके साथ वहां इकट्ठा मुसलमानों के लिए गुरूद्वारे में भोजन की भी व्यवस्था की गई.वैसे पंजाब में ऐसे कई उदाहरण अब तक सामने आ चुके हैं.
 
हुआ यूं कि रविवार को गांव में मस्जिद की नींव रखते समय तेज बारिश शुरू हो गई. इस कार्यक्रम में गांव के लोग तो शामिल थे ही आसपास के इलाके के भी बड़ी संख्या मंे मुसलमान एकत्रित हुए थे.बारिश की वजह से खलल पड़ने पर गांव के सिख बिरादरी के लोग आगे आए.
 
गुरुद्वारे में कार्यक्रम कराने के साथ-साथ मस्जिद निर्माण में हर संभव सहायता देने का भी भरोसा दिलाया.पंजाब के मोगा जिले के भलूर गांव में 6 मुस्लिम परिवार रहता है. गांव में एक पुरानी मस्जिद थी. बहुत पुरानी होने के कारण गिर कुछ दिनों पहले गिर गई.
 
गांव के मुस्लिम परिवारों ने अपने प्रयासों से इस मस्जिद के निर्माण का फैसला किया.इसकी नींव रखने का कार्यक्रम रविवार को तय हुआ. इसके लिए आसपास के इलाके के मुसलमानांे को भी दावत दी गई थी. जैसे ही मस्जिद की संगे बनियाद रखी गई, झमाझम बरसात शुरू हो गई. देखते ही देखते कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई.
punjab
मस्जिद की बुनियाद रखने के कार्यक्रम में शामिल हुए पंजाब के नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने बताया, “भलूर गांव में देश के बंटवारे के बाद मुसलमान परिवारों को गांव वासियों ने यहीं रोक लिया था. गांव में बहुत पहले एक मस्जिद थी जो गिर गई थी. इसलिए यहां रह रहे मुस्लिम परिवारों ने मस्जिद बनाने का फैसला किया जिसके लिए नींव रखने का कार्यक्रम रखा गया था.”
 
भलूर गांव के डा. अनवर खान की अगुवाई में बनी कमेटी ने गांव में नई मस्जिद की नींव रखने का कार्यक्रम बनाया.नायब शाही इमाम ने कहा कि, “मस्जिद की बुनियाद सुबह रखी जानी थी,लेकिन 4-5 घंटे तक लगातार भारी बारिश के कारण वहां लगे सभी टेंट वगैरह बिखर गए.नींव नहीं रखी जा सकी.
 
फिर गांव के सिखों ने कार्यक्रम को गुरुद्वारे में रखवाया जिसके बाद सभी लोग गुरद्वारे में इकट्ठा हुए और कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. जैसे ही बारिश रूकी मस्जिद की नींव रखी गई,जिसमें गांव के सभी लोग शामिल हुए. मंजर तब और दिलकश हो गया जबइस मौके पर अलग-अलग धर्मों के लोगों के साथ मस्जिदों, मदरसों के इमाम व अन्य संगठनों के लोग कार्यक्रम में शामिल हुए.
 
इस दौरान वक्ताओं ने अपने विचार रखे जिसमें गांव के पूर्व सरपंच बोहड़ सिंह ढिल्लों ने आए हुए सभी लोगों का स्वागत किया. उन्होंने यकीन दिलाया कि गांव वालों की ओर से मस्जिद निर्माण में पूरा सहयोग दिया जाएगा.
infrount of gurudwara
कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए पंजाब के नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मानी रहमानी लुधियानवी ने कहा कि, “आज का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, क्योंकि मस्जिद की नींव का पत्थर रखा जा रहा है और इसका प्रबंध गांव वासियों की ओर से गुरुद्वारा साहिब में किया गया है.”
 
मालूम हो कि इससे पहले भी पंजाब में दर्जनों ऐसे मामले देखने को मिले हैं जहां सिखों ने गांव की मस्जिद का पुनर्निर्माण कराकर मुसलमानों के हवाले कर दिया.यूं तो मुस्लिम सिख भाईचारे की मिसाल हमेशा देखने को मिलती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सिखों ने बहुत से पुरानी मस्जिदों को बनवाया है और मस्जिद की देखभाल के लिए मुसलमानों को गांव में बसाने की भी कोशिश की है. हाल में ऐसा ही नजारा पंजाब के मलेर कोटला में देखने को मिला था.