निर्वाचन आयोग के पास एसआईआर कराने का कानूनी आधार नहीं, मतपत्रों से चुनाव हों: मनीष तिवारी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 09-12-2025
Election Commission has no legal basis to conduct SIR, elections should be conducted through ballot papers: Manish Tewari
Election Commission has no legal basis to conduct SIR, elections should be conducted through ballot papers: Manish Tewari

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

 
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को लोकसभा में दावा किया कि निर्वाचन आयोग के पास विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने का कोई कानूनी आधार नहीं है और इस प्रक्रिया को बंद किया जाना चाहिए।
 
उन्होंने सदन में चुनाव सुधारों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि 2023 के निर्वाचन कानून में बदलाव कर मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की चयन समिति में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश को शामिल किया जाए, फिर से मतपत्रों से चुनाव कराए जाएं तथा चुनावों से पहले लोगों के खातों में नकदी भेजने के चलन पर अंकुश लगाया जाए।
 
चंडीगढ़ से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि बहुत सारे लोगों को निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने की जरूरत पड़ रही है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘2023 में जो निर्वाचन कानून बना था, उसमें संशोधन होना चाहिए। चयन समिति में दो और लोग जोड़े जाएं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश को इसमें शामिल किया जाए।’’
 
उनका कहना था कि अगर ऐसी समिति बनेगी तो लोगों के मन में जो संदेह है, उसका समाधान करने में मदद मिलेगी।
 
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा-शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के तहत तीन सदस्यीय चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।