बंगाल और असम में थमा चुनाव प्रचार, अब उम्मीदवारों की किस्मत वोटरों के हाथ

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 25-03-2021
बंगाल और असम में आज चुनाव प्रचार रुक गया है
बंगाल और असम में आज चुनाव प्रचार रुक गया है

 

मंजीत ठाकुर

शाम के 5 बजते ही पश्चिम बंगाल और असम दोनों राज्यों में उम्मीदवारों की सांसे भी अटक गई होंगी. अब पहले दौर की वोटिंग के लिए प्रचार खत्म हो चुका है, और प्रत्याशियों की किस्मत मतदाताओं के हाथों में है. 27 मार्च को पहले दौर की वोटिंग होनी है.

चुनाव प्रचार थमने से पहले गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस की ओर से ताबड़तोड़ रैलियां हुईं.

27 मार्च को असम में 47 सीटों पर वोटिंग होनी है और इसके लिए 269 उम्मीदवार मैदान में हैं.

चुनाव आयोग के अनुसार, असम में नामांकन पत्र दाखिल करने वाले कुल 295 उम्मीदवारों में से 10 नामांकन खारिज कर दिए गए हैं और 16 अन्य उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए हैं. जिन उम्मीदवारों के नामांकन स्वीकार किए गए हैं, उनमें 23 उम्मीदवार महिला हैं.

पहले चरण में असम के कई दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद होने वाली है. इनमें मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा, भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषदके अध्यक्ष अतुल बोरा, कार्यकारी अध्यक्ष केशब महंत, नवगठित असम जनता परिषद  के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई, असम के किसान नेता और राएजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई, राज्य सरकार के मंत्री रंजीत दत्ता, नाबा डोली, जोजन महान, संजय किशनसमेतभाजपा, कांग्रेस और एजीपी के 28 मौजूदा विधायक भी हैं.

वैसे, 26 वर्षीय मिलिचरन बसुमुटरी और वकिबुर इस्लाम चुनाव के पहले चरण में सबसे युवा उम्मीदवार हैं. मिलिचरन बसुमूर्ति बिश्वनाथ निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता पार्टी इंटरनेशनल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रह हैं और वाकीबुर रूपाहाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं.

वहीं 27 मार्च को पश्चिम बंगाल की 5 जिलों की 30 सीटों पर मतदान होना है. इन 30 सीटों में से 4 अनुसूचित जाति के लिए जबकि 7सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. गुरुवार को पश्चिम बंगाल में गृहमंत्री अमित शाह ने चार रैलियां कीं. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बंगाल में तीन रैलियां की.

ऐसे में ऐसा लगता है कि अपने दिग्गजों को बंगाल के रणक्षेत्र में उतार कर भाजपा अपने अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती.