दिल्ली की जामा मस्जिद बाजार में दो साल बाद उमड़े ईद के खरीदार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-05-2022
जामा मस्जिद बाजार में एक सेवई की दुकान के बाहर ग्राहक.
जामा मस्जिद बाजार में एक सेवई की दुकान के बाहर ग्राहक.

 

नई दिल्ली. ईद-उल-फितर से पहले, जामा मस्जिद बाजार में त्योहार की खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

एक खरीदार ने बताया, ‘‘पिछले दो साल से लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद था और लोगों को अपने घरों पर ईद मनानी पड़ी. कोई भी कहीं नहीं जा सकता था. इससे लोगों के जीवन में कितने बदलाव आए हैं. इस साल सभी के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है. इस बार, हम कोरोना से मुक्त हैं. इस साल ईद मनाई जा रही है और यह हमारी खुशी है. हम ईद के लिए विशेष खाद्य पदार्थ बनाते हैं. हम विभिन्न प्रकार की सेवई भी खरीदते हैं. लोग ईद के लिए सामान खरीदने आए हैं. मैंने शीर के लिए सामान खरीदा है, जो ईद के दिन बनाया जाता है. मैं त्योहार के लिए खजूर, सूखे मेवे और अन्य चीजें भी खरीदूंगा.’’

जामा मस्जिद बाजार में एक सेवई की दुकान के दुकानदार उमेज जावेद खान ने कहा, ‘‘बाजार दो साल से बंद थे, लेकिन इस साल बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने आए हैं. मैंने पहले कभी इतनी बड़ी भीड़ नहीं देखी.’’

शीरमल की दुकान के मालिक शिराजुद्दीन ने कहा कि इस साल भारी संख्या में लोग आ रहे हैं और इस वजह से बाजार में भारी भीड़ है.

शिराजुद्दीन ने कहा, ‘‘दो साल से काम बंद था. अब जब बाजार खुले हैं, तो बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं और इस वजह से बाजार में भारी भीड़ है. शाम को भीड़ बढ़ जाएगी. दो साल तक कोई जश्न नहीं मना पाया, लेकिन इस बार हर कोई इस त्योहार को खुशी से मनाएगा. मैं सभी को ईद मुबारक की शुभकामनाएं देता हूं.’’

बाजार में खरीदारी करने आए एक अन्य व्यक्ति शमा परवीन ने कहा, ‘‘इस साल ईद की तैयारी अच्छी चल रही है. मैंने अपने बच्चों और पति के लिए कपड़े खरीदे हैं. मैं इस बाजार में अपने बच्चों के लिए टोपी खरीदने आई हूं.’’

एक अन्य दुकानदार जावेद ने कहा, ‘‘ईद के लिए सभी तरह की सामग्री यहां उपलब्ध है. हमने ईद के लिए कपड़े खरीदे हैं.’’

ईद-उल-फितर का शुभ अवसर एक महीने के उपवास, प्रार्थना और मानवीय गतिविधियों में शामिल होने के बाद आता है जैसे कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान वंचितों को खाना खिलाना.

ईद-उल-फितर का पालन चांद दिखने पर निर्भर करता है. यह रमजान के पवित्र महीने के समापन का प्रतीक है.

ईद की नमाज जो एक सामूहिक प्रार्थना है, सुबह की जाती है.