नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ ही अन्य शीर्ष नौकरशाहों के साथ बैठक की और देश के मौजूदा सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की. सूत्रों ने कहा कि प्रधान मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और सशस्त्र बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने पर भी चर्चा की.
जम्मू में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर हमला करने के लिए एक ड्रोन का इस्तेमाल करने के दो दिन बाद यह बैठक हुई है. उस हमले में दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए इस तरह का खतरा देश के लिए एक नए सुरक्षा खतरे की शुरूआत माना जा रहा है.
दो विस्फोट छह मिनट के भीतर हुए, जिसमें वायुसेना के दो जवान घायल हो गए.
इससे पहले दिन में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन हमले की जांच की.
भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि सामरिक और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना पर वैश्विक समुदाय को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए, गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वी. एस. के. कौमुदी ने कहा, मौजूदा चिंताओं में एक और ऐड-ऑन ड्रोन का उपयोग है. उन्होंने जोर दिया कि वे कम लागत वाले विकल्प और आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इन्हें लेकर अब चिंता बढ़ गई है.
कौमुदी ने कहा कि आतंकवादी समूहों द्वारा भयावह उद्देश्यों के लिए इन हवाईध्उप-सतह प्लेटफार्मों का उपयोग, जैसे कि खुफिया संग्रह, हथियारध्विस्फोटक वितरण और लक्षित हमले दुनिया भर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक आसन्न खतरा और चुनौती बन गए हैं.
मोदी ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने और युवाओं को अधिक शोध और विकास कार्यों में शामिल करने के तरीकों पर भी चर्चा की.
उन्होंने उद्योग, शिक्षाविदों और स्टार्टअप्स की भागीदारी के साथ सरकार की आत्मानिर्भर भारत पहल का जायजा लिया.