डोभाल मुसलमानों और सरकार के बीच सेतु का काम कर सकते हैंः प्रो. अख्तरूल वासे

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 22-06-2022
डोभाल मुसलमानों और सरकार के बीच सेतु का काम कर सकते हैंः प्रो. अख्तरूल वासे
डोभाल मुसलमानों और सरकार के बीच सेतु का काम कर सकते हैंः प्रो. अख्तरूल वासे

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली

एक लंबे साक्षात्कार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने देश और दुनिया के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए इसे बड़े साहस के साथ स्वीकारा कि नुपुर शर्मा और जिंदल के बयानों से देश की छवि पर असर पड़ा है. बावजूद इसके संबंधित लोगों से मिलकर उन्हें समझाने की कोषिष की है.

अजीत डोभाल का यह बयान अभी सुर्खियों में है.उनकी मुखरता और व्यावहारिकता की सराहना की जा रही. नुपुर-जिंदल द्वारा पैगंबर इस्लाम पर अवैध टिप्पणी के मामले में देष के किसी आला अधिकारी का यह पहली बार बयान आया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के इस हालिया साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस्लामिक विद्वान प्रो अख्तरूल वासे ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि अजीत डोभाल ने स्वीकारा कि हमें गलतफहमी को दूर करने के लिए पहल करनी पड़ी.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपने स्पष्ट बयान और रुख के लिए जाने जाते हैं. पहले भी कई बार अपने इस गुण का प्रदर्शन कर चुके हैं.प्रो. अख्तरूल वासे ने कहा कि इससे पहले दिल्ली दंगों के दौरान, अजीत डोभाल ने एक बार नहीं बल्कि दो बार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके साहस और धैर्य दिखाया था. कष्मीर में अनुच्छेद 370हटाने के बाद भी वह वहां आम लोगों के बीच चाय पीते नजर आए थे.

इतना ही नहीं, उन्होंने तब्लीगी जमात के केंद्र को निशाना बनाने पर भी बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई थी. तब्लीगी जमात के अमीर के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी. तब अजीत डोभाल ने उसने मुलाकात कर सुनिश्चित कराया था कि आमिर जमात की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी.

प्रो. वासे ने कहा, हम उनके बयान की सराहना करते हैं. साथ ही, हम सरकार से उन्हें भारत के बाहर अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह करते हैं.प्रो. अख्तरूल वासे ने कहा कि हम डोभाल को देश के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय मुसलमानों के बीच सेतु की भूमिका में भी देखना चाहेंगे. वह भारत के मुसलमानों और सरकार के बीच गलतफहमी को दूर कर सकते हैं.

प्रो. वासे ने कहा कि इस महत्वपूर्ण साक्षात्कार के दौरान, अजीत डोभाल ने अफगानिस्तान में गुरुद्वारे पर हुए हमले का भी उल्लेख किया. हम, भारतीय मुसलमान, इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हम मृतक के परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं.
 
उन्होंने कहा कि हिंसा और बदला लेने के नाम पर भी किसी सभ्य समाज और धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता. खासकर अगर ऐसी घटना इस्लाम के नाम पर हुई है तो कोई इसका समर्थन नहीं कर सकता.अफगानिस्तान में अब तक मस्जिदों पर हमले होते रहे हैं, लेकिन अब सिख भाइयों के पूजा स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है. हम अफगानिस्तान की सरकार से सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों की हर संभव रक्षा करने की मांग करते हैं