खुले में न करें कुर्बानी और सोशल मीडिया पर न डालें फोटो : इमाम

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
खुले में न करें कुर्बानी और सोशल मीडिया पर न डालें फोटो : इमाम
खुले में न करें कुर्बानी और सोशल मीडिया पर न डालें फोटो : इमाम

 

नई दिल्ली. नमाज़-ए-जुमा से पहले देश की कई प्रमुख मस्जिदों के इमाम ने अपने ख़ुत्बे में बकरीद और कुर्बानी पर बयान करते हुए कहा कि बकरीद पर जहां तक मुमकिन हो कुर्बानी करने की कोशिश करनी चाहिए. लेकिन बकरीद पर कुर्बानी के जानवर की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर न डालें. जिन लोगों पर कुर्बानी वाजिब हो. वो अपनी जगह पर कुर्बानी न कर सकें तो वो दूसरी जगह पर कुर्बानी कराएं. इमामो ने कहा कि मुस्लिम समाज कोई ऐसा काम न करें जिससे पूरे मुस्लिम समाज को शर्मिंदगी उठानी पड़े. कुर्बानी सड़कों पर और खुले में न करें, प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न करें जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे और देश में सद्भाव कायम रह सके.

इमामो ने कहा कि अफवाह से दूर रहें. सोशल मीडिया के जरिए आने वाली अफवाहों पर ध्यान न दें. बकरीद के दिन कुर्बानी के बाद जमा होने बाले खून को एक जगह गड्ढा कर डाल दें और बचे हुए अवशेषों का सही ढंग से निस्तारण करें, ताकि आस पास के छेत्र में गन्दगी और बदबू न फैले. किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटने पर उसकी सूचना तुरंत नज़दीकी पुलिस को दें. 

इमामो ने अपील की कि समाज के बड़े बुज़ुर्ग नौजवानों पर नज़र रखें कि कही कोई नौजवान गलती से किसी भी गलत कार्यो में न शामिल होने पाए. 

क़ादरी मस्जिद शास्त्री पार्क दिल्ली के इमाम मुफ्ती अशफाक हुसैन क़ादरी, रतलाम के सुन्नी जामा मस्जिद के मुफ्ती बिलाल निजामी, मकराना के मुफ़्ती शम्सुद्दीन बरकाती, हमीरपुर के मौलाना शाहिद मिस्बाही, मौलाना बदरुद्दीन मिसबाही खतीब व इमाम मस्जिदे आला हज़रत निज़ामिया लखनऊ, जयपुर के मौलाना सैयद मुहम्मद क़ादरी, अजमेर में मौलाना अंसार फैजी, कारी हनीफ मुरादाबाद, मौलाना सखी जम्मू, मौलाना मजहर इमाम (उत्तर दीनाज पर बंगाल), मौलाना अब्दुल जलील निजामी( पीलीभीत), मौलाना समीर अहमद (रामपुर), मौलाना कारी जमाल, भागलपुर में मौलाना अबरार, नागपुर में मौलाना मुस्तफा रज़ा और अमन शहीद जामा मस्जिद के मौलाना तनवीर अहमद और दिल्ली मुस्तफाबाद में मौलाना मुशर्रफ ने इसी मुद्दे पर खिताब किया.