भुगतान या सहमति मॉडल का इस्तेमाल कर लाभप्रदता और निजता के ‘संतुलन’ बना सकते हैं डिजिटल मंच : अध्ययन

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 02-11-2025
Digital platforms can strike a 'balance' between profitability and privacy using payment or consent models: Study
Digital platforms can strike a 'balance' between profitability and privacy using payment or consent models: Study

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), लखनऊ के शोधकर्ताओं ने पाया है कि डिजिटल मंच भुगतान-या-सहमति मॉडल का उपयोग करके लाभप्रदता और निजता के बीच संतुलन बना सकते हैं। ये मॉडल उपयोगकर्ताओं को विज्ञापन-मुक्त अनुभव के लिए भुगतान करने या लक्षित विज्ञापनों के लिए सहमति देने की अनुमति देते हैं।
 
जैसे-जैसे उपयोगकर्ता गोपनीयता या निजता और डेटा-संचालित विज्ञापन को लेकर वैश्विक बहस तेज होती जा रही है, यह शोध भुगतान-या-सहमति मॉडल की गतिशीलता के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
 
ऐसे मॉडल को डिजिटल मंच द्वारा व्यावसायिक स्थिरता और नैतिक डेटा उपयोग के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।
 
इस अध्ययन के निष्कर्ष प्रतिष्ठित पत्रिका, ‘एनल्स ऑफ ऑपरेशंस रिसर्च (स्प्रिंगर)’ में प्रकाशित हुए हैं।
 
आईआईएम लखनऊ में संचालन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के प्रोफेसर, सुरेश के. जाखड़ के अनुसार, जैसे-जैसे डिजिटल मंच लाभप्रदता और गोपनीयता के चौराहे पर पहुंच रहे हैं, यह शोध दोनों के बीच संतुलन बनाने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करता है।
 
जाखड़ ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम दिखाते हैं कि उपयोगकर्ता की निजता का सम्मान विकास की कीमत पर नहीं होना चाहिए। वास्तव में, सहमति-संचालित, पारदर्शी व्यावसायिक मॉडल तैयार करने वाले मंच मजबूत भरोसे, उच्च जुड़ाव और स्थायी लाभप्रदता का निर्माण कर सकते हैं।’’
 
यह पता लगाने के लिए कि गोपनीयता की संवेदनशीलता ने उपयोगकर्ता और मंच के व्यवहार को कैसे आकार दिया, शोध दल ने निर्माता, मंच और दर्शक सहित पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक औपचारिक मॉडल तैयार किया।
 
उन्होंने आगे कहा, ‘‘विकसित मॉडल ने मंच को यह तय करने में सहयोग करने के लिए मापनीय सीमाएं प्रदान करने में मदद की कि कब विज्ञापनों पर भरोसा करना है, कब ‘सब्सक्रिप्शन’ शुरू करना है और कैसे हाइब्रिड मॉडल डिजाइन करना है जो लाभप्रदता बनाए रखते हुए उपयोगकर्ता की सुविधा का सम्मान करते हैं।’’
 
अध्ययन में पाया गया कि जब उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता संबंधी चिंताएं अधिक होती हैं, तो ‘सब्सक्रिप्शन’ मॉडल विज्ञापन-वित्तपोषित मॉडल से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इसके विपरीत, जब गोपनीयता संबंधी चिंताएं कम होती हैं, तो विज्ञापन-आधारित मॉडल बेहतर परिणाम देते हैं।
 
जाखड़ ने कहा, ‘‘कम संवेदनशील, प्रासंगिक डेटा का उपयोग करने वाले मंच प्रभावी रूप से मौद्रीकरण करते हुए भी उपयोगकर्ताओं का विश्वास बनाए रख सकते हैं। प्रमुख निष्कर्षों के अलावा, अध्ययन व्यावहारिक मानदंड, जैसे मूल्य बिंदु, विज्ञापन तीव्रता और डेटा संवेदनशीलता, प्रदान करता है, जिन्हें डिजिटल मंच गोपनीयता के प्रति जागरूक उपयोगकर्ताओं को अलग किए बिना राजस्व को अनुकूलित करने के लिए समायोजित कर सकते हैं।
 
इस अध्ययन के निष्कर्ष वीडियो, संगीत, पॉडकास्ट और डिजिटल समाचार सेवाएं प्रदान करने वाले मंच के लिए प्रासंगिक हैं, जहां उपयोगकर्ताओं की बदलती अपेक्षाएं और नए डेटा सुरक्षा कानून व्यवसायों को अपने विज्ञापन मॉडल पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।