धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश). निर्वासित तिब्बतियों ने रविवार को धर्मशाला में एकत्रित होकर श्तिब्बती स्वतंत्रता दिवसश् की 109वीं वर्षगांठ मनाई.
13 फरवरी, 1913 को, 13वें दलाई लामा ने ‘स्वतंत्रता की घोषणा’ की घोषणा में तिब्बती स्वतंत्रता की घोषणा की और तब से तिब्बत के इतिहास के महत्व पर लोगों को शिक्षित करने के लिए तिब्बत के इतिहास में तिब्बतियों ने 13 फरवरी को एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में चिह्नित किया. इस अवसर को मनाने के लिए स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत (एसएफटी, इंडिया) ने रविवार को यहां धर्मशाला में एक प्रतीकात्मक समारोह का आयोजन किया.
एसएफटी कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर वार्ता की और इस दिन की पिछली घटनाओं की तस्वीरें प्रदर्शित कीं. इस मौके को सेलिब्रेट करने के लिए उन्होंने ग्रुप डांस भी किया.
कार्यकर्ताओं ने उस संधि को भी प्रदर्शित किया, जिस पर 1913-1914 में शिमला सम्मेलन के दौरान चीन गणराज्य, तिब्बत और यूनाइटेड किंगडम के तत्कालीन प्रतिनिधियों द्वारा तिब्बत की स्थिति पर बातचीत के संबंध में हस्ताक्षर किए गए थे.
तिब्बती कार्यकर्ताओं का कहना है कि मार्च 1959 में तिब्बत पर चीन का कब्जा था. कार्यकर्ताओं ने यह कहकर चीन को एक स्पष्ट संदेश भेजने के लिए अपनी आवाज उठाई कि ‘तिब्बत की भूमि में तिब्बती खुश होंगे और चीन की भूमि में चीनी खुश होंगे.’