दिल्ली नाइट कर्फ्यू : 8 बजे बंद होने लगीं दुकानें, नौकरी पर खतरा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 08-04-2021
दिल्ली नाइट कर्फ्यू
दिल्ली नाइट कर्फ्यू

 

नई दिल्ली. दिल्ली में मंगलवार से 30 अप्रैल तक रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक इस साल का पहला नाइट कर्फ्यू लगाया गया. दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट पैलेस स्थित दुकानें बुधवार को 8 बजे से ही बंद होने लगीं. स्टाफ का घर दूर होने की वजह से भी दुकान संचालकों को ये कदम उठाना पड़ रहा है.

वहीं कुछ कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है. कनॉट प्लेस स्थित हल्दीराम के मैनेजर रमेश शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "मंगलवार को नाइट कर्फ्यू का पहला दिन था, घर के लिए निकलने में देर हो गई. मुझे चांदनी चौक पर पुलिसकर्मियों ने रोक लिया और आगे से रात में जल्दी घर पहुंचने के लिए कहा।" शर्मा ने बताया, "हम अपनी दुकान अब रात 9 बजे ही बंद कर देते हैं, ताकि स्टाफ जल्दी अपने घर पहुंच सकें.

हालांकि अभी तक किसी स्टाफ ने जल्दी छोड़ने की गुजारिश की है, क्योंकि सभी आस-पास ही रहते हैं." कनॉट प्लेस स्थित स्नो व्हाइट दुकान के मैनेजर सुनील दत्त ने आईएएनएस को बताया, "हमारी दुकान पर 90 कर्मचारी हैं, सभी की समस्या को देखते हुए हम साढ़े 8 बजे ही दुकान बंद करना शुरू कर देते हैं.

हालांकि जो लड़कियां हैं, उनको हम 8 बजे ही छोड़ दे रहे हैं." उन्होंने आगे कहा, "दिल्ली मेट्रो को भी इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि 10 बजे आखिरी एंट्री रखोगे तो लोग अपने घर कब पहुंचेंगे, उन्हें इस कम कर 9 बजे आखिरी एंट्री करनी चाहिए, ताकि व्यक्ति घर अपने समय से पहुंच सके और नियमों का पालन कर सकें."

हालांकि कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने मालिकों आए साढ़े 7 बजे ही दुकान से घर जाने के लिए कह दिया है. कनॉट प्लेस की एक दुकान में कार्यकर्त कर्मचारी राजू ने आईएएनएस को बताया, "मैं पहले एक घंटे में घर पहुंचता था, लेकिन मंगलवार को जाम के कारण मुझे 2 घंटे से भी अधिक समय लग गया.

नाइट कर्फ्यू के कारण मुझे पुलिसकर्मियों ने दो से तीन बार रोका, जिसकी वजह से मुझे काफी दिक्कत हुआ." उन्होंने कहा, "कल का अनुभव देख मैंने अपने मालिक से कहा है कि मुझे साढ़े 7 बजे तक दुकान से चले जाने दें." नाइट कर्फ्यू के कारण देर रात तक चलने वाले रेस्तरां और कैफे के व्यापार पर भी असर पड़ने लगा है. इतना ही नहीं, कैफे में काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी जाने के संकट मंडराने लगे हैं.