मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
दिल्ली का तापमान इस मार्च में ऐतिहासिक हो गया है. सोमवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो सामान्य से करीबन 8 डिग्री सेल्यियस अधिक है.
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट के मुताबिक, मार्च महीने में दिल्ली का यह तापमान पिछले 75 साल में सबसे अधिक है और कुछेक पॉइन्ट से यह 31 मार्च, 1945 का रिकॉर्ड तोड़कर अब तक का सबसे अधिक तापमान वाला दिन बनने से चूक गई. 1945 में यह तापमान 40.6 डिग्री सेल्यियस दर्ज किया गया था. हालांकि आयानगर में तापमान 40.6 डिग्री दर्ज किया गया और नरेला में यह तापमान 41.7 डिग्री सेल्यियस आंका गया. यह तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा.
वैसे इस साल की होली में पिछले 8 दशकों में सबसे हॉट होली भी रही.
स्काइमेट के मुताबिक, “होली के दिन बढ़े तापमान के पीछे सबसे अहम भूमिका रही दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की, जो राजस्थान की तरफ से होकर आ रही थीं, जहां दिन का तापमान पहले से 43 डिग्री के स्तर पर पहुँच चुका है. इसके अलावा पिछले कुछ दिनों से आसमान लगातार साफ हो रहा है और मौसम शुष्क बना हुआ. इन स्थितियों के बीच भी तापमान में रुक-रुक कर वृद्धि दर्ज की जाती रही.”
हालांकि एजेंसी को उम्मीद है कि मंगलवार को हवाओँ की बढ़ी हुई गति तापमान के ऊपर चढ़ने की गति को रोकेगी. अब दक्षिण-पश्चिम की बजाए उत्तर-पश्चिमी दिशा से होकर आएंगी हवाएँ. इससे अनुमान है कि बढ़ते तापमान में कुछ ब्रेक लगेगी.
स्काईमेट का पूर्वानुमान है कि अब चूंकि उत्तर भारत के पहाड़ों पर बना पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में आगे निकल रहा है जिससे उत्तर के पहाड़ों पर हाल में हुई बर्फबारी की ठंडक का प्रभाव भी इन उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ मैदानी भागों में आएगा, जिससे अगले दो-तीन दिनों के दौरान तापमान में कमी आएगी. इन्हीं हवाओं के कारण 31 मार्च को दिल्ली और एनसीआर में अधिकांश स्थानों पर दिन में पारा 35-36 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया जा सकता है. हालांकि गिरावट के बावजूद भी यह सामान्य से 3-4 डिग्री ऊपर ही रहेगा.