आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ की याचिका पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. महासंघ ने याचिकाकर्ता की मान्यता रद्द करने के मामले में आईओए को मध्यस्थता की कार्यवाही करने का निर्देश देने की मांग की.
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने आईओए के वकील को याचिका पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले को 29नवंबर, 2022को सूचीबद्ध किया गया है.याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट अनुपमा शर्मा ने कहा कि महासंघ का गठन 1948 में मुक्केबाजी के लिए एनएसएफ के रूप में किया गया था और इसे खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता दी गई थी.
2017 में आईओए ने मनमाने ढंग से इसकी मान्यता रद्द कर दी थी. याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने का कोई अवसर नहीं दिया गया.यह प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता पिछले पांच वर्षों से मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है, पर कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई थी. याचिकाकर्ता ने आईओए को याचिकाकर्ता के मामले में मध्यस्थता शुरू करने का निर्देश देने की मांग की है.
दूसरी ओर, आईओए के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता मुक्केबाजी के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) नहीं है. दलीलें सुनने के बाद पीठ ने वकील से हलफनामा दाखिल करने को कहा.