नई दिल्ली
दिल्ली में लाल किला के पास हुई कार विस्फोट मामले की विस्तृत जांच के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) फरीदाबाद के धौज स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज का दौरा कर सकती है। यह विस्फोट जैश-ए-मोहम्मद (JeM) मॉड्यूल से जुड़े मामलों का हिस्सा बताया जा रहा है।
अल-फलाह मेडिकल कॉलेज वह स्थान है, जहां 8 नवंबर को अतिरिक्त हथियार, पिस्टल और विस्फोटक बरामद किए गए थे। सुरक्षा एजेंसियों ने समन्वित छापेमारी में इस परिसर से विस्फोटक बरामद किए जाने के बाद यह कॉलेज जांच का मुख्य केंद्र बन गया है।
जांच में सामने आया है कि इस कॉलेज में कार्यरत डॉक्टर मुजम्मिल को इस मॉड्यूल में कथित संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया। वहीं, डॉ. उमर भी इसी संस्थान में कार्यरत थे। डॉ. उमर ने एजेंसियों के कड़े अभियान के दौरान भागने का प्रयास किया और इसी दौरान लाल किले के पास विस्फोट हुआ, जिसमें आठ लोग मारे गए और कई घायल हुए। सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट हुआ कि विस्फोट वाली कार डॉ. उमर चला रहे थे।
एनआईए की टीम इन दोनों डॉक्टरों के संबंध में गहन जांच करेगी, क्योंकि वे उस जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल के मुख्य सदस्य माने जा रहे हैं, जो विस्फोट के पीछे है। विस्फोट सोमवार शाम सबhash मार्ग के ट्रैफिक सिग्नल के पास हुई धीमी गति से चलती Hyundai i20 में हुआ।
एनआईए ने दिल्ली कार विस्फोट की जांच के लिए "समर्पित और व्यापक" टीम गठित की है। यह टीम पुलिस अधीक्षक और उससे ऊपर के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में काम करेगी, ताकि मामले की गहन और समन्वित जांच सुनिश्चित हो सके। यह कदम गृह मंत्रालय द्वारा जांच को एनआईए को सौंपने के एक दिन बाद उठाया गया।
जांच के तहत एनआईए अन्य केंद्रीय और राज्य सुरक्षा इकाइयों के साथ समन्वय भी कर रही है। एजेंसी यह भी निर्धारित करेगी कि विस्फोट जानबूझकर किया गया या दुर्घटना थी। हालांकि, स्पष्ट है कि यह घटना उसी श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें फरीदाबाद से बड़े पैमाने पर विस्फोटक बरामद किए गए थे।
जांच में मौलवी इरफान अहमद वाघाय (शोपियां) और जमीर अहमद (वाकुरा, गांदरबल) की भूमिका भी शामिल है। इसके अलावा, डॉ. अदील (सहारनपुर) और एनंटनगर अस्पताल से बरामद AK-56 राइफल और अन्य गोलाबारूद की भूमिका की जांच होगी।
8 नवंबर को अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से बरामद अतिरिक्त हथियार, पिस्टल और विस्फोटक, 9 नवंबर को धौज निवासी मदरासी की गिरफ्तारी और 10 नवंबर को मवात निवासी हफीज मोहम्मद इस्तियाक के घर से 2,563 किलोग्राम विस्फोटक बरामदगी भी जांच का हिस्सा हैं। कुल मिलाकर लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक और बम बनाने का सामान इस मॉड्यूल से बरामद हुआ।
एनआईए यह भी जांच करेगी कि भागे हुए डॉ. उमर की प्रतिक्रिया—एजेंसियों के लगातार अभियान में फंसकर हुई कार्रवाई—क्या लाल किला विस्फोट की घटना में पैनिक और हताशा में की गई थी। विस्फोट में प्रयुक्त विस्फोटक वही हैं, जो फरीदाबाद से बरामद हुए थे।
इस तरह, एनआईए की जांच फरीदाबाद और लाल किले विस्फोट को जोड़ते हुए सभी संभावित पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण करेगी।






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