आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि हृदयाघात से संबंधित मामलों के आंकड़े केंद्रीय स्तर पर नहीं रखे जाते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सूचित किया है कि हृदयाघात के कारणों को समझने के लिए, आईसीएमआर-राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (आईसीएमआर-एनआईई) ने देश भर के 25 अस्पतालों में एक अध्ययन किया।
उन्होंने कहा कि इन मामलों में अक्टूबर, 2021 से जनवरी, 2023 तक अस्पतालों में भर्ती 18 से 45 वर्ष के मरीजों के बारे में सूचना एकत्र की गयी।
नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) राष्ट्रीय गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के अंतर्गत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हृदयवाहिका रोग एनपी-एनसीडी का एक अभिन्न अंग है और इस कार्यक्रम के अंतर्गत, 770 जिला एनसीडी क्लीनिक, 6410 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक और 233 कार्डिक केयर यूनिट की स्थापना की गयी है।
इसके अलावा, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य परिचर्या के एक भाग के रूप में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत देश में मधुमेह और उच्च रक्तचाप सहित सामान्य एनसीडी की रोकथाम, नियंत्रण और जांच हेतु जनसंख्या-आधारित पहल शुरू की गई है।