पिता ने आवाज द वाॅयस से कहा, संभवत: कल शाम भारत पहुंचेगा शव

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-07-2021
दानिश के पिता ने आवाज द वाॅयस से कहा, संभवत कल शाम भारत पहुंचेगा शव
दानिश के पिता ने आवाज द वाॅयस से कहा, संभवत कल शाम भारत पहुंचेगा शव

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के चीफ फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी का शव रविवार शाम भारत पहुंचने की उम्मीद है. उसके बाद ही उन्हें दफनाने की प्रक्रिया शुरू होगी.यह जानकारी दानिश के पिता प्रो. अख्तर सिद्दीकी ने आवाज द वाॅयस से बातचीत में दी.

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से दानिश का शव भारत लाने के क्रम में कई प्रक्रियाओं से गुजरना होगा. हालांकि इससे पहले रेडक्रास सोसायटी ने दानिश सिद्दीकी का शव सौंपे जाने की जानकारी दी थी.

इसपर प्रो सिद्दीकी ने कहा कि अफगानिस्तान से भारत शव लाने में कई तरह की जटिलताएं हैं, जिसके समाधान की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस मामले में पूरा सहयोग कर रही है.

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में कंधार के करीब अफगान सेना और तालिबान लड़ाकों के बीच संघर्ष में दानिश सिद्दीकी दो दिन पहले मौत हो गई थी . वह अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के विशेष असाइनमेंट पर अफगानिस्तान गए हुए थे. मृत्यु से तीन दिनों पहले उन्होंने वहां से अपनी तस्वीरें जारी की थी.

दानिश के पिता ने बताया कि मौत से दो दिन पहले उनकी बेटे से बातचीत हुई थी. वह अपने नए असाइनमेंट को लेकर काफी खुश थे. इसके अलावा घर परिवार को लेकर भी काफी देर तक बातचीत होती रही.

जवान बेटे के मौत से दानिश के पिता गहरे शोक में हैं.प्रो अख्तर सिद्दीकी जामिया के शिक्षा संकाय के डीन रहे हैं. वह राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के निदेशक भी थे.

इस विश्वविद्यालय से ही दानिश ने माॅस काम किया  था. दानिश की मौत पर जामिया की कुलपति ने भी गहरा शोक जताया है. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा,
यह पत्रकारिता और जामिया बिरादरी के लिए बड़ी क्षति है.

एमसीआरसी ने 2018 में दानिश को विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया था. प्रोफेसर और कार्यवाहक निदेशक शोहिनी घोष कहती हैंः “यह एमसीआरसी के जीवन के सबसे दुखद दिनों में से एक है. दानिश हमारे हॉल ऑफ फेम में सबसे चमकीले सितारों में से एक थे.

दानिश को 2018 में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.एमसीआरसी के छात्रों ने बताया कि उनकी दानिश से आखिरी बातचीत 26 अप्रैल, 2021 को हुई थी, जब सोहेल अकबर ने उन्हें कन्वर्जेंट जर्नलिज्म के छात्रों से बात करने के लिए आमंत्रित किया था. सोहेल अकबर याद करते हुए कहते हैं, ‘‘ उस समय कोविड -19 की दूसरी लहर के चलते दानिश बहुत व्यस्त थे.‘‘
 
 

उपलब्धियों पर एक नजर
 

 
एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में दानिश ने एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप में कई महत्वपूर्ण घटनाएं कवर की है. उनके कार्यों में अफगानिस्तान और इराक में युद्ध, रोहिंग्या शरणार्थियों का संकट, हांगकांग विरोध, नेपाल भूकंप, उत्तर कोरिया में सामूहिक खेल और स्विट्जरलैंड में शरण चाहने वालों की रहने की स्थिति शामिल हैं.
 
उन्होंने इंग्लैंड में धर्मान्तरित मुस्लिमों पर एक फोटो श्रृंखला भी तैयार की थी. उनका काम व्यापक रूप से पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, स्लाइड शो और दीर्घाओं में प्रकाशित हुआ है - जिसमें नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका, न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्जियन, द वाशिंगटन पोस्ट, वॉल स्ट्रीट जर्नल, टाइम मैगजीन, फोर्ब्स, न्यूजवीक, एनपीआर, बीबीसी, सीएनएन शामिल हैं. उनकी तस्वीरें अल जजीरा, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट, द स्ट्रेट्स टाइम्स, बैंकॉक पोस्ट, सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड, द एलए टाइम्स, बोस्टन ग्लोब, द ग्लोब एंड मेल, ले फिगारो, ले मोंडे, डेर स्पीगल, स्टर्न, बर्लिन जेतुंग, द इंडिपेंडेंट, द टेलीग्राफ , गल्फ न्यूज, लिबरेशन आदि में भी प्रकाशित हो चुकी हैं.