आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
सत्ता में वापसी के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बदले की कार्रवाई शुरू कर दी है. चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद बंगाल में हुई हिंसा को लेकर आरोप है कि इसके पीछे सत्तारूढ़ टीएमसी का हाथ है.
ममता सरकार ने देर रात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी और उनके भाई सौमेंदु अधिकारी के खिलाफ कांथी नगर पालिका कार्यालय से कथित तौर पर राहत सामग्री चोरी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है, जिससे लगता है कि जहां यह सिलसिला लंबा चलने वाला है, वहां प्रदेश की सियासत में और गरमाने वाली है.
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी भले सत्ता में दोबारा आई हैं, पर उन्हें विधानसभा चुनाव में सुवेंदु अधिकारी ने ही पटखनी दी है. सुवेंदु कभी ममता के खासम-खास हुआ करते थे. जब से बीजेपी में गए हैं. टीएमसी और पश्चिम बंगाल सरकार के टार्गेट पर हैं.
उन्हें और उनके लोगों को घेरने के का सिलसिला लगातार चल रहा है. यहां तक कि यास तूफान के दौरान जब सुवेंदु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समीक्षा बैठक थे, ममता ने यह कहकर बैठक में देरी से पहुंचने का बहाना बनाया कि वहां बीजेपी के पदाधिकारियों मौजूदगी पर उन्हें ऐतराज है.
बहरहाल, पुलिस के अनुसार, कांठी नगर प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य रत्नदीप मन्ना की शिकायत पर अधिकारी बंधुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘29 मई 2021 को दोपहर 12ः30 बजे सुवेंदु अधिकारी एवं उनके भाई एवं कांठी नगर पालिका के पूर्व नगर प्रमुख सौमेंदु अधिकारी के निर्देशानुसार शासकीय त्रिपाल जिसका अनुमानित मूल्य लगभग लाख रुपए है, को नगर पालिका कार्यालय के गोदाम से जबरदस्ती छीन ले गए.
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि भाजपा नेताओं ने कथित चोरी में सशस्त्र केंद्रीय बलों का इस्तेमाल किया.कयास लगाया जा रहा है कि अधिकारी बंधुओं पर मुकदमा दर्ज होने के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बार फिर उबाल आने की संभावना बढ़ गई है. फिलहाल ममता प्रदेश के विकास और कोरोना कंट्रोल के मूड में नहीं दिख रही हैं.
सत्ता संभालने के साथ ही उन्हांेने केंद्र और अपने प्रमुख विरोध दल बीजेेपी से पंगा लेना शुरू कर दिया है.