तूफानः बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया चक्रवात

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 20-05-2021
बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया तूफान
बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया तूफान

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

ताऊते का कहर अभी पश्चिमी भारत में दिख रही रहा है कि एक और चक्रवातीय तूफान बनना शुरू हो गया है और इस बार इलाका है बंगाल की खाड़ी का

ताऊते तूफान का कहर महाराष्ट्र और गुजरात में दिखना बंद भी नहीं हुआ है और इसके निशान अभी भी दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्य में आए चक्रवाती तूफान तौकते से बुरी तरह प्रभावित होने के बाद गुजरात को तत्काल 1,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा भी की. भीषण चक्रवाती तूफान से हुई तबाही के बाद बुरी तरह से प्रभावित तीन जिलों भावनगर, अमरेली, गिर-सोमनाथ और केंद्र शासित प्रदेश दीव में स्थिति का जायजा लेने के लिए पीएम अपने गृह राज्य के दौरे पर गए थे.

लेकिन, मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट के अनुसार, एक और चक्रवात भारतीय उपमहाद्वीप के सागरों में बन रहा है. और इस बार रणभूमि बदलकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी की ओर खिसक गई है. इस नए चक्रवातीय तूफान का नाम यस होगा, जो ओमान ने दिया.

स्काइमेट के अनुसार, यस चक्रवात का निर्माण मुख्यभूमि में केरल तट पर मॉनसून के आगमन के ऐन पहले होगा.

स्काइमेट के वैज्ञानिकों का कहना है कि, “21 मई को मर्तबान या मोतम्मा की खाड़ी में एक चक्रवातीय सर्कुलेशन बन रहा है. इसके बाद बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी हिस्से और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर में एक कम दवाब का क्षेत्र 22 मई को बनेगा.”

वैज्ञानिकों के मुताबिक, 23 मई की सुबह में यह डिप्रेशन में बदल जाएगा और उसी शाम तक डीप डिप्रेशन में. स्काईमेट के मुताबिक, “24 मई को यह डीप डिप्रेशन उष्णकटिबंधीय तूफान में बदल जाएगा. इसका इलाका उत्तरी और उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी होगी.”

ऐसे में, यह जानना बेहद जरूरी होगा कि आखिर यह उष्णकटिबंधीय तूफान यस, भारत के किस हिस्से की तरफ मुड़ेगा. स्काइमेट के मुताबिक, “यह चक्रवात पश्चिमोत्तर दिशा में मुड़ जाएगा और इसका रुख उत्तरी ओडिशा और पड़ोसी पश्चिमी बंगाल पर पड़ेगा.”

हालांकि, इसकी दिशा और रफ्तार पर अभी विभिन्न गणितीय मॉडल्स कुछ स्पष्ट बता पाने में नाकाम हैं लेकिन अगल 48 घंटों में इस पर अधिक स्पष्टता आएगी. लेकिन स्काइमेट के वैज्ञानिकों ने साफ चेतावनी दी है कि समुद्री रास्ते के सफर की वजह से अनुकूल पर्यावरणीय दशा मिलने पर यह तूफान खतरनाक तूफान में बदल सकता है. ऐसी परिस्थिति में, यह 25 मई की देर रात या 26 मई की सुबह में लैंडफॉल करेगा.

हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस चक्रवातीय सर्कुलेशन के तूफान में बनने से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के तैयार होने का आधार तैयार हो जाएगा. उम्मीद जताई  जा रही है कि मॉनसून दक्षिणी मॉनसून सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में कल पहुंच रहा है. वैज्ञानिकों ने स्पष्ट कहा है कि भारतीय मुख्यभूमि में मॉनसून के आने पर इस तूफान का कोई असर नहीं पड़ेगा.