दिल्ली पर कोरोना हमलाः नवजात और युवा को रखें बचाकर

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 15-04-2021
दिल्ली पर कोरोना हमलाः नवजात और युवा को रखें बचाकर
दिल्ली पर कोरोना हमलाः नवजात और युवा को रखें बचाकर

 

नई दिल्ली. कोरोना का नया संस्करण बहुत खतरनाक है. विशेषकर नवजात शिशु और युवाओं के लिए. पहले दौर में केवल बुजुर्ग या गंभीर रोग से पीड़ित लोग ही कोरोना के चपेट में आ रहे थे. मगर इस बार की तस्वीर बदली हुई है. विशेषकर दिल्ली में कोरोना का यह नया ट्रेंड सामने आया है.
 
दिल्ली में कोरोना की नई लहर ने विकराल रूप ले लिया है. बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी संक्रमण की चपेट में आ रहे हंै.
 
दिल्ली के डॉक्टरों के अनुसार, इस लहर में 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ नवजात शिशु में भी संक्रमण मिला है. नौजवान भी इसके शिकार हो रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही इस लहर को खतरनाक मान चुके हैं, वहीं डॉक्टर भी इस लहर को बेहद खतरनाक मान रहे हैं. जिसकी वजह से अस्पतालों में छोटे बच्चों से लेकर युवाओं में इस संक्रमण का असर तेजी से बढ़ रहा है.
 
दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डॉ. ऋतु सक्सेना ने बताया कि, ‘‘इस बार बच्चों में भी कोविड देखने को मिल रहा है, कुछ दिन के बच्चे भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं.‘‘
 
उन्होंने बताया, ‘‘जब से नई लहर शुरू हुई है, अभी तक 7 से 8 छोटे बच्चे भर्ती हुए हैं. हर दिन में एक या दो बच्चे आ रहे हैं. इनमें सबसे छोटा बच्चा व नवजात शिशु हैं जो अस्पताल में ही संक्रमित हुआ था.‘‘
 
‘‘इसके अलावा 15 से 30 वर्ष तक के करीब 30 फीसदी नौजवान लोगों में भी संक्रमण दिख रहा है.‘‘
 
दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री भी युवाओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं. उन्होंने अपील की है कि जरूरी वक्त में ही घर से बाहर निकलें. कोरोना के नए लक्षण देखकर ही अरविंद केजरीवाल बोर्ड परीक्षाएं आगे बढ़ाने या रदद करने की मांग कर रहे थे.
 
डॉ सक्सेना ने बताया कि, ‘‘इस बार जिन नौजवानों को संक्रमण हो रहा है उन सबमें बुखार का लक्षण जरूर देखने को मिल रहा है.‘‘
 
‘‘बेड न मिलने का डर, लोगों को अस्पतालों की ओर खींच रहा है, लोगों का मानना है कि यदि अस्पताल में बेड मिल जाएगा तो हम बच जाएंगे. लोगांे के अंदर से पहले ये डर निकालना होगा.‘‘
 
डॉ. ऋतु ने कहा कि, ‘‘एलएनजेपी अस्पताल में यदि वही मरीज आए जिनको सच में इलाज की जरूरत है तो अस्पताल सही ढंग से इस बीमारी से निपट सकता है. वरना हमारा आधा समय अन्य मरीजों को समझाने और उनको बताने में ही लग जा रहा है.‘‘
 
हालांकि इस बार यह भी देखा जा रहा है कि यदि घर में एक व्यक्ति पॉजिटिव है तो पूरा परिवार संक्रमित पाया जा रहा है.
 
दरअसल, दिल्ली में पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 17,282 नए मरीजों की पुष्टि हुई और एक बार एक लाख से ज्यादा 1,08,534 सैंपल की जांच में 15.92 पॉजिटिविटी रेट दर्ज हुआ है. वायरस की वजह से 104 मरीजों की मौत हो गई.
 
बढ़ते मामलों को देख दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है, कर्फ्यू शुक्रवार रात 10 बजे शुरू होगा और सोमवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा.