धर्मांतरण, घुसपैठ, जनसंख्या असंतुलनः आरएसएस

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 20-10-2022
धर्मांतरण, घुसपैठ, जनसंख्या असंतुलनः आरएसएस
धर्मांतरण, घुसपैठ, जनसंख्या असंतुलनः आरएसएस

 

आवाज द वॉयस/ प्रयागराज
 
आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि धर्म परिवर्तन और बांग्लादेश से पलायन जनसंख्या असंतुलन का कारण बन रहा है. उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया.
 
आरएसएस महासचिव ने यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यसमिति की चार दिवसीय बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन धर्मांतरण पर जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहा है.
 
उन्होंने कहा कि घर वापसी का अनुकूल परिणाम हुआ है.संघ परिवार का हिंदू धर्म में वापस लाने का प्रयास, यह कहता है कि हिंदू, इस्लाम और ईसाई धर्म जैसे धर्मों में परिवर्तित हो गए हैं.
 
उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है.यह उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में कानूनों का एक स्पष्ट संदर्भ था, जो विशेष रूप से विवाह के माध्यम से बल या प्रलोभन द्वारा धर्मांतरण को प्रतिबंधित करते हैं.
 
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी 16 से 19 अक्टूबर तक प्रयागराज में हुई बैठक में शामिल हुए.होसाबले ने दावा किया कि धर्मांतरण के बाद घुसपैठ जनसंख्या असंतुलन का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.
 
बांग्लादेश से घुसपैठ के कारण जनसंख्या असंतुलन पूर्णिया और कटिहार सहित उत्तरी बिहार के जिलों और अन्य राज्यों में देखा गया है.वह प्रयागराज जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर गोहनिया में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे.
 
आरएसएस नेता ने कहा कि जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया है उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.उन्होंने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के जी बालकृष्णन के नेतृत्व में गठित समिति का उल्लेख किया कि क्या अन्य धर्मों को अपनाने वाले समुदायों को अनुसूचित जाति का दर्जा मिलना चाहिए.
 
होसबले ने कहा कि बैठक में हिंदू समुदाय की सामाजिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.उन्होंने कहा,महिलाएं हर क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं. सामाजिक कार्यों में निर्णय लेने में उनकी भूमिका भी बढ़नी चाहिए.
 
आरएसएस ने कहा कि 372 संघ कार्यकर्ता बैठक में शामिल हुए.होसबले ने कहा कि पिछले दो वर्षों में 3,000 से अधिक युवा संघ में शामिल हुए हैं और एक वर्ष में आरएसएस की शाखाओं की संख्या 54,382 से बढ़कर 61,045 हो गई है.
 
उन्होंने कहा कि 2010-11 में शुरू किए गए आरएसएस से जुड़े मंच के माध्यम से 1,30,000 से अधिक लोग संघ में शामिल हुए हैं.होसाबले ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय और मणिपुर का दौरा किया है और वहां के आदिवासी समुदायों में हिंदू गौरव की भावना को जगाया है.
 
आदिवासी समुदाय के लोगों ने वहां सरसंघचालक को आमंत्रित करना शुरू कर दिया है.आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष 2025 में मनाएगा.