कांग्रेस की बदहाली: सामूहिक, समावेशी नेतृत्व की जरूरत - G 23

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 17-03-2022
कांग्रेस की बदहाली: सामूहिक, समावेशी नेतृत्व की जरूरत - G  23
कांग्रेस की बदहाली: सामूहिक, समावेशी नेतृत्व की जरूरत - G 23

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
कांग्रेस के ‘‘जी 23 समूह‘‘ के नेताओं ने बुधवार को कहा कि सबसे पुरानी पार्टी के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका सामूहिक और समावेशी नेतृत्व और सभी स्तरों पर निर्णय लेने का एक मॉडल अपनाना है.राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर मिले जी-23 नेताओं ने एक बयान में कांग्रेस नेतृत्व से एक विश्वसनीय विकल्प के लिए रास्ता बनाने के लिए समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करने का आग्रह किया.
 
कहा गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने के लिए ऐसा करना अतिआश्वयक है.जी-23 ने कुछ और नेताओं को आजाद के आवास पर रात्रिभोज की बैठक में शामिल होते देखा, जो समूह की भविष्य की रणनीति पर काम करने और पांच राज्यों में हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी.
 
बैठक चार घंटे से अधिक चली और सभी नेताओं ने अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में बात की.सूत्रों ने कहा कि आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बात की. उन्हें संगठन को मजबूत करने में उनके समर्थन का आश्वासन देते हुए समूह की भावनाओं से अवगत कराया.
 
आजाद और आनंद शर्मा ने रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया था.संयोग से, समूह ने नेतृत्व के मुद्दे को दरकिनार कर दिया, जब कपिल सिब्बल ने कहा कि श्रीमती गांधी को एक तरफ कदम रखना चाहिए और दूसरे नेता के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए.
 
नेताओं ने कहा कि वे हाल के चुनाव परिणामों के मनोबल गिराने वाले परिणाम और पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लगातार पलायन पर विचार-विमर्श करने के लिए मिले थे. उन्हांेने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका सामूहिक और समावेशी नेतृत्व और सभी स्तरों पर निर्णय लेने का एक मॉडल अपनाना है.
 
भाजपा का विरोध करने के लिए, कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना आवश्यक है. हम कांग्रेस पार्टी से मांग करते हैं कि 2024 के लिए एक विश्वसनीय विकल्प का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मंच बनाने के लिए अन्य समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करे. 
 
जी -23 के संयुक्त बयान में कहा गया कि इस संबंध में अगले कदमों की घोषणा जल्द ही की जाएगी.सूत्रों ने कहा कि समूह ने पहले सिब्बल के आवास पर रात्रिभोज की योजना बनाई थी, लेकिन अंतिम समय में इसे बदल दिया गया.
 
बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में सिब्बल, शर्मा, भूपिंदर सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी, शशि थरूर, विवेक तन्खा, राज बब्बर, अखिलेश प्रसाद सिंह और संदीप दीक्षित शामिल थे.
 
जी-23 समूह का दायरा इस बार कुछ और नेताओं के रूप में विस्तृत हुआ. पटियाला की सांसद परनीत कौर, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला, पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल, पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर, राज्यसभा के पूर्व उपसभापति पी.जे. कुरियन और हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा एमए खान के अलावा डिनर मीटिंग में शामिल हुए।
 
समूह ने अन्य कांग्रेसियों को रात्रिभोज की बैठक में शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया था. सूत्रों ने कहा कि बैठक सभी जी-23 सदस्यों को महत्वपूर्ण सीडब्ल्यूसी बैठक में लिए गए निर्णयों से अवगत कराने के लिए बुलाई गई थी.
 
उन्होंने बताया कि जी-23 के दो प्रमुख सदस्य आजाद और शर्मा को सीडब्ल्यूसी की बैठक में अन्य सदस्यों को घटनाक्रम से अवगत कराना था और उन्होंने विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के मद्देनजर पार्टी को मजबूत करने के बारे में क्या कहा. यह बताना था.
 
इन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहाश् क्योंकि वह भाजपा शासित चार राज्यों - उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में से किसी को भी जीतने में विफल रही, जबकि वह पंजाब को आम आदमी पार्टी (आप) से हार गई.