कांग्रेस अब दयनीय स्थिति में है: अमरिंदर सिंह

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
 अमरिंदर सिंह
अमरिंदर सिंह

 

चंडीगढ़. पंजाब में सियासी हलचल जोरो पर है। सिद्धू के साथ साथ अमरिंदर सिंह पर निगाहें टिकी है कि उनका अगला कदम क्या होगा, लेकिन अमरिंदर सिंह का कांग्रेस पर हमला बोलना जारी है. अमरिंदर सिंह ने कहा, "मुख्यमंत्री पद छोड़ने से तीन हफ्ते पहले, मैंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मुझे पद पर बने रहने के लिए कहा था. जिस अपमानजनक तरीके से उन्हें कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक से कुछ घंटे पहले इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था, जो स्पष्ट रूप से उन्हें हटाने के लिए बुलाई गई थी, यह सार्वजनिक रिकॉर्ड का मामला था.

 
उन्होंने आगे कहा, "दुनिया ने मेरा अपमान देखा है, फिर भी हरीश रावत इसके विपरीत दावे कर रहे हैं."
 
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने याद किया कि रावत ने खुद उनसे मिलने के बाद सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह 2017 के चुनावी वादों पर अपनी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड से संतुष्ट हैं.
 
उन्होंने बताया, "वास्तव में, रावत ने हाल ही में 1 सितंबर को कहा था कि 2022 का चुनाव उनके (अमरिंदर के) नेतृत्व में लड़ा जाएगा और आलाकमान का उन्हें बदलने का कोई इरादा नहीं था."
 
साथ ही उन्होंने पूछा, "तो अब वह कैसे दावा कर सकते हैं कि पार्टी नेतृत्व मुझसे असंतुष्ट था और अगर वे थे, तो उन्होंने जानबूझकर मुझे इस समय अंधेरे में क्यों रखा?"
 
पूर्व सीएम ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से उन पर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी का एकमात्र दबाव था, जिसके कारण उन्होंने अपमान को सहन करना जारी रखा.
 
उन्होंने आगे पूछा, "अगर पार्टी का इरादा मुझे अपमानित करने का नहीं था, तो नवजोत सिंह सिद्धू को महीनों तक सोशल मीडिया और अन्य सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर मेरी खुली आलोचना और हमला करने की अनुमति क्यों दी गई? पार्टी ने सिद्धू के नेतृत्व में विद्रोहियों को मेरे अधिकार को कम करने के लिए खुली छूट क्यों दी? साढ़े चार साल तक मैं पार्टी को सौंपे गए चुनावी जीत की अबाध लहर पर कोई संज्ञान क्यों नहीं दिया गया?"
 
अमरिंदर सिंह ने पूछा कि कांग्रेस अब भी सिद्धू को पार्टी को शर्तों पर हुक्म चलाने की अनुमति क्यों दे रही है.
 
उन्होंने पूछा, "वह पार्टी नेतृत्व पर क्या दबाव डालते हैं कि वे उनके खिलाफ इतने रक्षाहीन हैं और पंजाब में कांग्रेस के भविष्य की कीमत पर भी उन्हें अपना रास्ता बनाने की अनुमति दे रहे हैं?"
 
अपनी धर्मनिरपेक्ष साख के बारे में रावत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनके सबसे बुरे आलोचक और दुश्मन भी इस संबंध में उनकी ईमानदारी पर संदेह नहीं कर सकते.
 
उन्होंने कहा, "लेकिन मुझे अब आश्चर्य नहीं है कि रावत जैसे वरिष्ठ और अनुभवी कांग्रेस नेता मेरी धर्मनिरपेक्ष साख पर सवाल उठा रहे हैं. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पार्टी में अब मुझ पर भरोसा और सम्मान नहीं रहा है कि मैंने इतने वर्षों में निष्ठा से सेवा की है."