ओडीओपी को लोकल से ग्लोबल बनाने की मुकम्मल तैयारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 21-07-2022
ओडीओपी को लोकल से ग्लोबल बनाने की मुकम्मल तैयारी
ओडीओपी को लोकल से ग्लोबल बनाने की मुकम्मल तैयारी

 

लखनऊ.

वैश्विक बाजार में ब्रांड यूपी की मचेगी धूम. विविधता से भरपूर ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) के खूबसूरत उत्पाद इसका माध्यम बनेंगे. यह एक तरीके से उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों को लोकल से ग्लोबल बनाने की तैयारी है.

प्रदेश सरकार ने इस बाबत मुकम्मल तैयारी की है. इस क्रम में योगी सरकार ने उन वैश्विक बाजारों को चिह्न्ति किया है जहां ओडीओपी उत्पादों की ठीकठाक मांग हैं. चिह्न्ति किए गए ऐसे देशों की कुल संख्या करीब तीन दर्जन है.

इनमें मिडिल ईस्ट (संयुक्त अरब अमीरात, टर्की, इराक, ईरान, मिस्र, कतर), सीआईएस (स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रमंडल), रूस, बेलारूस, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और यूरोपियन यूनियन के देश (आस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातीविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, आदि शामिल हैं.

नार्डिक देश (स्वीडन, फिनलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे और आइसलैंड) और अफ्रीका के देश भी शामिल हैं. इन सभी देशों के भारतीय दूतावासों से वर्चुअल बैठकों के जरिये संवाद स्थापित किया जा चुका है. इस बातचीत के आधार पर सरकार संबंधित देशों के सक्षम ग्राहकों और प्रदेश में ओडीओपी के निर्यात से जुड़े उद्यमियों के साथ बायर-सेलर मीट (वर्चुअल) का आयोजन शीघ्र करेगी.

आधुनिक बाजार के बारे में कहा जाता है कि जो दिखेगा, वही बिकेगा. ओडीओपी उत्पाद देश-दुनिया के बाजारों में दिखे, इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मशहूर मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

निर्यात बढ़ाने के लिए तो अंतरराष्ट्रीय मेलों व प्रदर्शनियों की काफी कारगर भूमिका होती है. उत्तर प्रदेश सरकार इस बाबत लगातार प्रयास भी कर रही है. यही वजह है कि 2021-22 में प्रदेश के निर्यातकों को एक्सपोर्ट गेटवे टू अफ्रीका, इस्ताम्बुल टर्की, दुबई एक्सपो और वर्चुअल मेलों- टेक्सटाइल एण्ड अपैरल ग्लोबल ऑनलाइन शो, कार्पेट्स, रग्स, लेदर प्रोडक्टस, फुटवियर ग्लोबल ऑनलाइन शो, भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में प्रतिभाग कराया गया है.

इसी क्रम में वर्ष 2022 में प्रस्तावित इण्डिया इण्टरनेशनल हॉस्पिटलिटी एक्सो एवं वल्र्ड फर्नीचर एक्सपो में प्रदेश की निर्यातक इकाईयों का प्रतिभाग सुनिश्चित किया जा रहा है. ओडीओपी उद्यमियों को नियार्तोन्मुखी बनाये जाने के उद्देश्य से समस्त जानकारियां एक ही लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने हेतु निर्यात सारथी ऐप के विकास की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

इस ऐप के विकसित होने बाद उद्यमियों को सभी जरूरी सूचनाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी. खरीददारों के साथ उद्यमियों को अपने उत्पाद की वैश्विक स्तर पर उपस्थिति के लिए भी अधिकतम ऑनलाइन प्लेटफार्म जरुरी है.

इन जरूरतों को समझते हुए सरकार दिग्गज ई-कॉमर्स कम्पनियों मसलन वॉलमार्ट, अमेजन, फ्लिपकार्ट के साथ मेमोरेंडम ऑफ अन्डरस्टैंडिंग (एमओयू) कर चुकी है. वॉलमार्ट के साथ किये गये एमओयू के अन्तर्गत प्रदेश के प्रमुख जिलों में वृद्धि वर्कशॉप का आयोजन करते हुए अधिकाधिक संख्या में ओडीओपी उद्यमियों के ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर पंजीकरण के साथ-साथ पोर्टल प्रयोग करने में सक्षम बनाने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.

ओडीओपी उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया व इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के साथ भी एमओयू साइन करते हुए ओ.डी.ओ.पी. उद्यमियों को वांछित अद्यतन अन्तराष्ट्रीय मानकों से परिचित कराया जा रहा है.

सरकार की मंशा शीघ्र ही प्रदेश में इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग की शाखा खोलने की है. अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में एक या एक से अधिक ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी खूबियों के लिए जाने जाते हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इनको और लोकप्रिय बनाने, इनसे जुड़े लोगों की बेहतरी के लिए चार साल पहले ओडीओपी योजना लांच की. इसके अब तक के नतीजे बेहद शानदार रहे. वैश्विक महामारी कोरोना की चुनौती के बावजूद पिछले वित्तीय वर्ष निर्यात में 30 फीसद की वृद्धि हुई। इसमें 70 फीसद योगदान ओडीओपी से जुड़े उत्पादों का है.

अगले पांच साल में निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए ओडीओपी उत्पादों को लेकर विदेश के संभावित बाजारों को केंद्र में रखकर रणनीति तैयार की जा रही है.