हैदराबाद: 'हमारी मस्जिद में आओ' अभियान बना एक मिसाल

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-07-2022
हैदराबाद: 'हमारी मस्जिद में आओ' अभियान बना एक मिसाल
हैदराबाद: 'हमारी मस्जिद में आओ' अभियान बना एक मिसाल

 

शेख मुहम्मद यूनुस/ हैदराबाद

ऐसे समय में जब देश में हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने की गंदी और नापाक कोशिशें हो रही हैं. हिजाब के नाम पर, लाउडस्पीकर से अज़ान के नाम पर और युवा पीढ़ी के मन में जहर घोला जा रहा है, लेकिन ऐसी अराजक और विकट स्थिति में हिंदू-मुस्लिम एकता, भाईचारा, भाईचारा, राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मस्जिद की ओर से एक अनोखी और खूबसूरत पहल की गई है.

एक मस्जिद की ओर से अनूठी और अनुकरणीय पहल

मस्जिदों का अर्थ है भगवान के घर और पूजा स्थल. हैदराबाद शहर की मस्जिदें सेवा के केंद्र में बदल रही हैं. मौजूदा हालात के संदर्भ में मस्जिदों द्वारा कई नए और अनोखे कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं. यहां मस्जिदें भी आधुनिक शिक्षा केंद्रों, अस्पतालों की भूमिका निभा रही हैं.

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए मस्जिदों के दरवाजे भी खोल दिए गए. अब एक और नई पहल के तहत समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मस्जिद के दरवाजे खोल दिए गए हैं. इस पहल की विभिन्न तबकों से काफी प्रशंसा हो रही है.

हमारी मस्जिद की जाँच करें

मस्जिद आलमगीर और ईदगाह गुटला बेगम पीठ की प्रबंधन समिति की ओर से मस्जिद आलमगीर में हमारी मस्जिद के दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्देश्य वर्तमान अशांत युग में विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच सद्भाव, एकता, सद्भाव, शांति और प्रेम के साथ-साथ गंगा जामनी सभ्यता को बढ़ावा देना था. इस अनोखे कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के लगभग 2000 लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम में नगरसेवक माधापुर जगदेश्वर गौरव, तेलंगाना सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार एके खान ने भाग लिया.

साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा

कार्यक्रम के मौके पर मस्जिद आलमगीर साम्प्रदायिक सौहार्द की बेहतरीन मिसाल पेश कर रही थी, खुशनुमा माहौल था. वतन के भाइयों ने मस्जिद द्वारा की गई पहल का जवाब दिया और कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लिया.

खतीब मौलाना अब्दुल रहमान, इमाम मौलाना हाफिज मुहम्मद जुनैद रशदी, उप इमाम मौलाना इस्माइल, प्रबंधन समिति के अधिकारी अहमद नवाज खान, मुहम्मद रियाजुद्दीन, अब्दुल नसीर ने स्वागत किया. प्रतिभागियों के लिए नाश्ते की भी व्यवस्था की गई.

मस्जिद समिति के अधिकारियों ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से वे सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच प्रेम को बढ़ावा देना चाहते थे. प्रदान किए गए और इस्लाम धर्म से संबंधित गलतफहमियों को दूर किया गया. प्रेम, मानवता, आत्म-बलिदान और बलिदान की भावना को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए.

देश के भाइयों की ओर से खुशी की अभिव्यक्ति

गैर मुस्लिम भाइयों और बहनों ने मस्जिद में इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन पर खुशी और खुशी व्यक्त की.जगदेश्वर गौर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम एक दूसरे के धर्म को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं. एक दूसरे को समझने और गंगा-जुमनी संस्कृति और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सभी धार्मिक स्थलों पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए.

अधिकांश प्रतिभागियों ने कहा कि वे पहली बार मस्जिद गए थे. उन्होंने मस्जिद के दौरे पर प्रसन्नता व्यक्त की और इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की.

एकता के बिना विकास संभव नहीं

तेलंगाना सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार एके खान ने कहा कि मस्जिद आलमगीर के अधिकारियों की पहल काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं.