रूसी धरती पर चीन और पाक देखेंगे भारतीय सेना का युद्ध कौशल

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
प्रतीकात्मक चित्र
प्रतीकात्मक चित्र

 

नई दिल्ली. इस्लामाबाद और बीजिंग के साथ लगातार विवादों के बीच, भारतीय सेना और वायु सेना की इलीट फोर्स की एक टुकड़ी, शंघाई सहयोग संगठन शांति मिशन के हिस्से के रूप में आयोजित होने वाले आतंकवाद विरोधी अभ्यास के लिए रूस जाएगी.

रक्षा अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के लगभग 200सैनिक एससीओ शांति मिशन आतंकवाद विरोधी अभ्यास के लिए रूस के ऑरेनबर्ग में होंगे, जिसमें चीन और पाकिस्तान दोनों भी भाग ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस सप्ताह से शुरू होने वाला अभ्यास 26सितंबर तक चलेगा और इसमें सभी प्रतिभागी आतंकवाद रोधी अभ्यास करेंगे.

भारत पिछले साल भी इन अभ्यासों में भाग लेने के लिए तैयार था, लेकिन वह वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयास में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा दिखाए गए आक्रामकता के कारण चीन के साथ तनाव की पृष्ठभूमि में बहुपक्षीय अभ्यास से पीछे हट गया था.

भारतीय सैनिक वर्तमान में रूस में भी जैपड-21अभ्यास में भाग ले रहे हैं, जिसमें चीनी और पाकिस्तानी सेनाएं पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद हैं.

तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में नई दिल्ली की भूमिका को लेकर भारत भी चीन-पाकिस्तान की जोड़ी से जद्दोजहद कर रहा है.

चीन और पाकिस्तान द्वारा समर्थित नई अफगानिस्तान सरकार को भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है. हालांकि तालिबान के कुछ नेताओं ने भारत के साथ अच्छे संबंध रखने में गहरी रुचि दिखाई है.