चीन ने पहली बार माना, गलवान घाटी में मारे गए थे उसके 4 फौजी

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 19-02-2021
चीन ने पहली बार माना कि गलवान में उसके फौजी मरे (फोटोः सोशल मीडिया)
चीन ने पहली बार माना कि गलवान में उसके फौजी मरे (फोटोः सोशल मीडिया)

 

आवाज    

गलवान घाटी में हिंदुस्तानी फौज के साथ तनातनी और संघर्ष के बाद चीन ने पहली बार अपने फौजियों के मारे जाने की बात मानी है. चीन के सरकारी अखबार, पीएलए डेली के अनुसार, इस झड़प में 4  चीनी फौजी मारे गए थे. इसे चीन की सेना ने नायक का दर्जा दिया है.

गौरतलब है कि पिछले साल, 15-16 जून की दरमियानी रात को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की फौज में टकराव हुआ था. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. हालांकि, भारतीय मीडिया में अब तक रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 से अधिक चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर थी.

चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक, काराकोरम माउंटेन पर तैनात 5 फ्रंटियर ऑफिसर्स और सोल्जर्स की भारत के साथ टकराव में मौत हुई थी. पीएलए डेली के अनुसार, इन सैनिकों को चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने हीरो का दर्जा दिया है. इनमें शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फेबाओ को हीरो रेजिमेंटल कमांडर फॉर डिफेंडिंग द बॉर्डर, चेन होंगजुन को हीरो टु डिफेंड द बॉर्डर और चेन जियानग्रॉन्ग, जियाओ सियुआन और वांग जुओरन को फर्स्ट क्लास मेरिट का दर्जा दिया गया है.

हालांकि, अभी तक चीन इस झड़प में मारे गए अपने अधिकारियों और फौजियों की मौत की बात को स्वीकार नहीं करता था लेकिन इन पांच सैनिकों को वीरता पुरस्कार देते हुए अब गलवान की घटना के बारे में भी ब्योरा दिया गया है.

पीएलए ने इस झड़प के बारे में एलएसी पर भारतीय सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती की बात बताई है. चीन ने आदतन इस टकराव की जिम्मेदारी भारत के कंधों पर डाल दी है. उसका आरोप है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लघंन कर सड़क और पुलों का निर्माण किया.