प्लॉट आवंटन घोटाले में हुड्डा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 16-02-2021
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा

 

चंडीगढ़. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंचकूला की एक विशेष अदालत में करोड़ों रुपये के औद्योगिक भूखंड (इंडस्ट्रियल प्लॉट) आवंटन घोटाले के संबंध में एक आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उनके रिश्तेदार और अन्य के नाम शामिल हैं.

एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2016 में राज्य में कांग्रेस शासन के दौरान 14 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के संबंध में हुड्डा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

ईडी द्वारा 2019 में सभी 14 औद्योगिक भूखंडों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया था.

आरोपपत्र (चार्जशीट) में जिन लोगों का नाम लिया गया है, उनमें हरियाणा विकास प्राधिकरण (हुडा) के पूर्व मुख्य प्रशासक एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डीपीएस नागल और हुडा के पूर्व मुख्य वित्तीय नियंत्रक एससी कंसल व उप-अधीक्षक बीबी तनेजा शामिल हैं.

मामले में नामजद लाभार्थियों में पूर्व मुख्यमंत्री के भतीजे प्रदीप कुमार की विधवा रेणु हुड्डा, मोना बेरी, नंदिता हुड्डा, मनजोत कौर, गणेश दत्त रतन, अमन गुप्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल ओपी दहिया (रिटायर्ड), डागर कात्याल, सिद्धार्थ भारद्वाज, कंवर प्रीत सिंह संधू, रमन कंसल और अशोक वर्मा भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से केंद्र को सिफारिश के बाद सीबीआई ने मामले को संभाला था.

सीबीआई ने कहा कि पंचकूला में 14 औद्योगिक भूखंड निजी व्यक्तियों को अवैध रूप से आवंटित किए गए थे, जिनमें ज्यादातर हुड्डा के रिश्तेदार और हुडा के अधिकारी थे.

एजेंसी ने हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा पहले की गई जांच के रिकॉर्ड को अपने कब्जे में ले लिया था.

ईडी ने 2015 में सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज मामले के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी.

जुलाई 2013 में हुडा द्वारा आवंटन किए गए थे और एक स्थायी समिति की सिफारिश पर पूर्व मुख्यमंत्री ने इसके अध्यक्ष के तौर पर अपनी मंजूरी दी थी.

हुड्डा के परिजनों को दिए गए भूखंडों की कीमतें बाजार दर से बहुत कम थीं और हुडा ने लाभार्थियों को तय करने के लिए अनिवार्य समिति का गठन नहीं किया था.