राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का एमआई 17वी5 हेलीकॉप्टर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों को ले जा रहा है, जो बुधवार को तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह एक बहुत ही मजबूत हेलीकॉप्टर है और रक्षा विशेषज्ञ सेवानिवृत्त मेजर जनरल पीके सहगल के अनुसार, दुनिया भर के लगभग 60 देशों में वीआईपी आंदोलन के लिए इसका उपयोग किया जाता है.
सहगल ने कहा कि रूस निर्मित दो इंजन वाला विमान ‘युद्ध-सिद्ध’ है और सेना पिछले 25 से 30 वर्षों से इसके विभिन्न रूपों का उपयोग कर रही है.
सहगल ने दुर्घटना में सीडीएस रावत के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा, ‘वह जिस हेलीकॉप्टर में यात्रा कर रहे थे, वह एक बहुत ही सुरक्षित हेलीकॉप्टर है. इसका उपयोग दुनिया भर के 60 देशों में किया जा रहा है, और यह युद्ध-सिद्ध युद्ध-परीक्षित हेलीकॉप्टर है.’
उन्होंने कहा, ‘पिछले 25-30 वर्षों से, इस हेलिकॉप्टर के विभिन्न रूपों का उपयोग किया गया है. यह नवीनतम संस्करण था, जो सभी प्रकार की तकनीक से लैस था, और इसका उपयोग वीआईपी आंदोलन के लिए किया जाता है.’
रक्षा विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि केवल उच्च योग्य पायलट ही इन विमानों को उड़ाते हैं.
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विंग कमांडर पृथ्वी सिंहहेलिकॉप्टर दुर्घटनाः सीडीएस बिपिन रावत नहीं रहे, 13 की मृत्यु, कुल 14 सवार चौहान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य को ले जा रहे हेलिकॉप्टर के पायलट थे, जो आज तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में एक जंगली इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
चौहान 109 हेलीकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर थे.
सहगल ने कहा, ‘इन विमानों को उड़ाने वाले पायलटों को वीआईपी आवाजाही के लिए बोर्ड द्वारा मंजूरी दी जाती है. उनका सैद्धांतिक ज्ञान बिंदु तक है और उनकी उड़ान क्षमताओं के लिए, उन्हें खराब मौसम में उड़ान भरने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.’
1971 में इसी तरह के विमान में दुर्घटना वाले क्षेत्र में उड़ान भरने के अपने अनुभव को याद करते हुए, सहगल ने कहा, ‘पश्चिमी घाट में मौसम में अचानक बदलाव होता है, अचानक दृश्यता 5 मीटर से भी कम हो जाती है, इतना ताकि तुम अपने बगल में एक विमान भी न देख सको, न ही तुम वहां पेड़ या पहाड़ देख सको.’
उन्होंने कहा, ‘वहां का इलाका पायलट को आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति नहीं देता है, यह केवल भाग्य से है कि यहां उतरने के लिए जगह मिल सकती है.’
भारतीय वायु सेना ने आज कहा कि तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त सैन्य हेलीकॉप्टर में सीडीएस जनरल रावत की मौत हो गई.
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया, ‘गहरे अफसोस के साथ, अब यह पता चला है कि जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और विमान में सवार 11 अन्य लोग दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मारे गए हैं.’
जनरल रावत, भारत के पहले सीडीएस, वेलिंगटन में कॉलेज स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए दौरे पर थे, जब उनका हेलिकॉप्टर नीलगिरी जिले में कुन्नोर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
सीडीएस ने वेलिंगटन के लिए सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी थी और उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनके डीए ब्रिगेडियर एलएस लिडर, एसओ लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह सहित अन्य रक्षा अधिकारी थे.