कोर्ट में पेश हुआ शरजील इमाम की जेल की कोठरी का सीसीटीवी फुटेज, जमानत आदेश स्थगित

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 20-07-2022
कोर्ट में पेश हुआ शरजील इमाम की जेल की कोठरी का सीसीटीवी फुटेज, जमानत आदेश स्थगित
कोर्ट में पेश हुआ शरजील इमाम की जेल की कोठरी का सीसीटीवी फुटेज, जमानत आदेश स्थगित

 

नई दिल्ली. तिहाड़ जेल अधीक्षक ने अदालत में एक कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) पेश की, जिसमें उस सेल के सीसीटीवी फुटेज थे, जहां शरजील इमाम को रखा गया है. अदालत में पेश की गई सीडी तकनीकी सहायता के अभाव में नहीं चलाई जा सकी.  मामले को आगे की सुनवाई के लिए 23 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत को 23 जुलाई को मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया था. सीडी को सुनवाई की अगली तारीख पर चलाया जाएगा. अदालत ने देशद्रोह मामले में शरजील इमाम की अंतरिम जमानत अर्जी पर भी आदेश स्थगित कर दिया.

जेल अधीक्षक नंबर एक गौरव यादव अदालत में पेश हुए और सीडी पेश की.  उन्होंने कहा कि जेल कर्मचारियों के लिए ड्यूटी रजिस्टर रखा जाता है.  दूसरों के लिए, एक उपस्थिति पत्रक बनाए रखा जाता है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने 14 जुलाई को शरजील इमाम पर कथित हमले की घटना के संबंध में सीसीटीवी फुटेज और ड्यूटी रजिस्टर पेश करने का निर्देश दिया था. अदालत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को भी तलब किया था.

शरजील ने तलाशी के दौरान जेल अधिकारियों और दोषियों द्वारा उन पर हमला करने का आरोप लगाया था. उनके मुताबिक, उन्हें आतंकवादी कहा जाता था. जेल अधिकारियों ने एक रिपोर्ट दर्ज की थी और आरोपों से इनकार किया था. रिपोर्ट में मारपीट, उसकी किताबें फेंकने और उसे आतंकवादी कहने के आरोपों से इनकार किया गया है.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 जून 2022 को उप जेल अधीक्षक की देखरेख में उनके वार्ड में तलाशी अभियान चलाया गया. यह भी कहा गया कि शरजील इमाम ने स्टाफ के साथ बदसलूकी की.  उन्हें झूठा फंसाने की धमकी दी.  इसमें कहा गया है कि उन्होंने मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए शिकायत की थी.
 जेल अधिकारियों ने कहा कि पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई है और इसे पहले ही संरक्षित कर लिया गया है. निर्देश मिलने पर इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा.
 
अदालत ने रिपोर्ट पर गौर करने और दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 20 जुलाई को सहायक (सेवादार) का सीसीटीवी फुटेज और ड्यूटी रजिस्टर दाखिल करने का निर्देश दिया था. शरजील ने जेल अधिकारियों से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश मांगा था. आरोप है कि 30 जून की शाम को उनके सेल में अवैध रूप से तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान कैदियों ने उनके कपड़े और किताबें फेंक दीं. जब उन्होंने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो सहायक अधीक्षक की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट की गई.
 
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद और वकील तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम ने अंतरिम जमानत अर्जी पर अपना खंडन किया. शरजील ने 27 मई को देशद्रोह मामले में निचली अदालत में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. अभियोजन पक्ष द्वारा स्थिरता का मुद्दा उठाए जाने के बाद उनके वकील ने दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत की अर्जी वापस ले ली थी.
 
हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा था. अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश के मद्देनजर शरजील इमाम को जमानत दी जानी चाहिए.
 
दूसरी ओर, विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने तर्क दिया कि हालांकि देशद्रोह कानून के तहत कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, लेकिन गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा लागू की जाती है.  इन वर्गों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इन परिस्थितियों में आरोपी को अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
 
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत लगाए गए आरोप के संबंध में सभी लंबित अपीलों और कार्यवाही को स्थगित रखने का निर्देश दिया था. सीएए-एनआरसी के विरोध में देश में अलग-अलग जगहों पर कथित तौर पर शरजील इमाम द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के लिए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया था. जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को 2020 पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों से संबंधित एक कथित साजिश में तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया है.