नई दिल्ली. आगामी अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर श्रीनगर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ सुरक्षा और प्रशासनिक मुद्दों के समाधान के लिए बुधवार को सेना के चिनार कोर में एक सम्मेलन आयोजित किया गया.
सीआरपीएफ के अधिकारियों के अनुसार, यात्रा के लिए फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए सुरक्षा और अन्य रसद संबंधी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. कोविड महामारी के कारण अमरनाथ यात्रा पिछले दो वर्षों से स्थगित है.
इस साल 30 जून से शुरू होने वाली और 11 अगस्त तक चलने वाली यात्रा के दौरान एक सामूहिक तीर्थयात्रा की उम्मीद है. बैठक में वार्षिक तीर्थयात्रा से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया और सुरक्षा बलों को तैनात करने की योजना पर भी चर्चा की गई.
उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करना और उन्हें जम्मू-कश्मीर में एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करना इस साल सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के लिए एक बड़ा काम होगा.
सूत्र ने यह भी कहा कि सेना और सीएपीएफ की अन्य शाखाओं ने भी इस यात्रा के लिए अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता पर चर्चा की, क्योंकि उम्मीद है कि इस साल 6 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा की यात्रा कर सकते हैं.
समन्वय बैठक की अध्यक्षता चिनार कोर के तहत किलो फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एसएस स्लरिया ने की और तीर्थयात्रियों के लिए पूर्ण सुरक्षा और प्रशासनिक जरूरतों को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और नागरिक प्रशासन के सुसंगत प्रयासों के पहलुओं को सामने लाया.
सभी प्रतिभागियों ने अमरनाथ यात्रा पर अपनी तैयारियों का बखान किया और वार्षिक तीर्थयात्रा के मद्देनजर अन्य हितधारकों को उनके बीच बेहतर तालमेल का आश्वासन दिया. सम्मेलन में सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों ने भाग लिया.