जल संकट के समाधान के लिए बुंदेलखंड को मिलेंगे 10 हजार तालाब

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-08-2021
जल संकट के समाधान के लिए बुंदेलखंड को मिलेंगे 10 हजार तालाब
जल संकट के समाधान के लिए बुंदेलखंड को मिलेंगे 10 हजार तालाब

 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष (2021-22) में बुंदेलखंड में पानी के संकट को दूर करने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से 10,000 खेत तालाब बनाने की योजना बनाई है.

अब तक, सरकार अपनी 'प्रति बूंद अधिक फसल' योजना के 'अन्य हस्तक्षेप' घटक के हिस्से के रूप में 49.56 करोड़ रुपये की लागत से 4,400 खेत तालाब पहले ही खोद चुकी है. इनमें से अधिकांश तालाबों का निर्माण बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्रों में किया गया है.

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार स्प्रिंकलर सिंचाई और खेत तालाब योजना सहित विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र में पानी की एक-एक बूंद का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.

इन तालाबों की जियो-टैगिंग के साथ-साथ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देय है. बरसात के मौसम में इन तालाबों में बचाए गए पानी का उपयोग सिंचाई के लिए और बाकी मौसमों में मवेशियों के पीने के पानी के रूप में किया जाएगा.

इस संदर्भ में योगी सरकार तीन स्प्रिंकलर परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिनमें मसगांव मिर्च (हमीरपुर), कुलपहाड़ (महोबा) और शहजाद (ललितपुर) परियोजनाएं शामिल हैं, जो कि कम पानी से अधिक क्षेत्र की सिंचाई के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर रही हैं.

परियोजनाओं के इसी साल पूरा होने की संभावना है. अन्य सिंचाई परियोजनाओं को बाद में स्प्रिंकलर से जोड़ने की भी योजना है. इसी वर्ष पूर्ण होने जा रही अर्जुन सहायक नहर परियोजना से न केवल बांदा, हमीरपुर और महोबा में 44,381 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की सुविधा होगी, बल्कि लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध होगा.

एक अनुमान के मुताबिक महोबा के लोगों को करीब दो करोड़ क्यूबिक मीटर पेयजल उपलब्ध होगा.