अफगान एनएसए ने पाकिस्तान को कहा वेश्यालय, पाक को गुस्सा आया

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
महमूद कुरैशी
महमूद कुरैशी

 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हमदुल्ला मोहिब के खिलाफ तीखा हमला किया है और उनसे अपने उस बयान पर विचार करने का आह्वान किया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को ‘वेश्यालय’ कहा था.

मुल्तान में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, “अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मेरी बात ध्यान से सुनते हैं ... अगर आप जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं या पाकिस्तान के खिलाफ जो आरोप लगा रहे हैं, उससे आप बाज नहीं आते.”

मोहिब की हालिया टिप्पणी ने पड़ोसियों के बीच एक राजनयिक विवाद को जन्म दिया, जो लगभग 2,600 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. यह ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से पीछे हट रही है.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट्स की मानें, तो पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के नेतृत्व को बता दिया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख के साथ आधिकारिक कामकाज नहीं करेगा, क्योंकि हाल ही में इस्लामाबाद के खिलाफ उनकी ‘अपमानजनक प्रतिक्रिया’ हुई थी.

पिछले महीने, नंगरहार प्रांत में एक सार्वजनिक भाषण में, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख, हमदुल्ला मोहिब ने पाकिस्तान को ‘वेश्यालय’ कहा.

मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर वॉयस ऑफ अमेरिका को बताया कि उनकी सरकार इस्लामाबाद के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणी पर अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ द्विपक्षीय बातचीत नहीं करेगी.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी टिप्पणी के संबंध में एक बयान जारी किया था और इसे ‘निराधार आरोप’ के रूप में गिना था.

इसने यह भी कहा कि इस तरह की टिप्पणी इस्लामाबाद और काबुल के बीच विश्वास और आपसी समझ को कमजोर करती है.

कुरैशी ने आरोप लगाया कि अफगान एनएसए अफगानिस्तान की शांति की राह में बाधाएँ पैदा कर रहा है और स्थिति को सुधारने के बजाय उसे और खराब करने की कोशिश कर रहा है.

उन्होंने कहा, “इसलिए, अफगान राष्ट्र और अफगानिस्तान के बुद्धिमान नागरिक, जो शांति चाहते हैं, उन्हें अपने व्यवहार पर चिंतन करने का आग्रह करना चाहि,ए क्योंकि यह सही नहीं है.”

कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर सेना प्रमुख से लेकर विदेश मंत्री तक के पाकिस्तानी अधिकारी शांति के लिए काबुल गए थे, फिर भी एनएसए ने अभी भी पाकिस्तान की तुलना ‘वेश्यालय’ से की है.

उन्होंने कहा, ‘आपको शर्म आनी चाहिए और आपको अपने शब्दों पर दोषी होना चाहिए और नंगरहार में आपके भाषण के बाद से मेरा खून खौल रहा है.’

उन्होंने कहा, “अपने व्यवहार को सुधारो और उस पर चिंतन करो. मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह कहता हूं कि अगर यह व्यवहार जारी रहा, तो यह व्यक्ति, जो खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कहता है, वास्तव में एक बिगाड़ने वाले ख्शांति के लिए, की भूमिका निभाएगा.”

अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने के लिए पाकिस्तान पर लंबे समय से आरोप लगाया जाता रहा है.

तालिबान पर प्रतिबंधों की देखरेख करने वाली 1988 की प्रतिबंध समिति की संयुक्त राष्ट्र विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी टीम ने अपनी 2019 की रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित लगभग 5,000 आतंकवादी, पाकिस्तान में सक्रिय थे.