बेंगलुरु. कर्नाटक में हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे का अध्ययन करने के बाद अपना रुख स्पष्ट करेगी. मुसलमानों को निशाना बनाने वाले ताजा अभियान में राज्य में हिंदू संगठनों और बीजेपी नेताओं ने हिंदुओं को हलाल मांस बेचने पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी है. कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में हिंदू धार्मिक मेलों और मंदिर परिसरों में मुस्लिम दुकानों और स्टालों पर दक्षिणपंथी समूहों द्वारा हाल ही में प्रतिबंध लगाने के आह्वान के मद्देनजर यह घटनाक्रम देखने को मिला है.
हलाल मांस मुस्लिम धार्मिक प्रक्रिया के अनुसार तैयार किया जाता है और ऐसा भी कहा जाता है कि सभी मुसलमानों को केवल हलाल मांस का सेवन करना चाहिए. मुस्लिम दुकानों में बेचे जाने वाले मांस और मुर्गे को भी हलाल रीति-रिवाजों के अनुसार तैयार करने की बात को मुद्दा बनाते हुए दक्षिणपंथी संगठन हिंदुओं से ऐसी दुकानों का बहिष्कार करने का आह्वान कर रहे हैं. वे हिंदुओं को हलाल मांस की बिक्री को आर्थिक जिहाद के रूप में वर्णित कर रहे हैं.
बोम्मई ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से कहा, "इस मुद्दे का पूरी तरह से अध्ययन किया जाना है."
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर पिछले कुछ समय से उठाई जा रही गंभीर आपत्तियों की जांच करेगी.
उन्होंने कहा, "ऐसे कोई नियम नहीं हैं। यह एक प्रथा थी जो चल रही है. अब, गंभीर आपत्तियां उठाई जा रही हैं. हम इस पर गौर करेंगे."
सीएम बोम्मई ने राज्य में हिंदू दक्षिणपंथी समूहों द्वारा उठाए जा रहे हलाल मांस के बहिष्कार के विवादास्पद आह्वान में शामिल होने से इनकार कर दिया. यह बताते हुए कि इसी तरह के अभियान आयोजित किए गए हैं, उन्होंने कहा, "हम उन लोगों को जवाब देंगे जिन्हें प्रतिक्रिया की आवश्यकता है."