नई दिल्ली. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल करना चाहती है. इसी को देखते हुए भाजपा ने योजना बनाई है कि पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से गत सात वर्षो में समुदाय के बेहतर तालीम (शिक्षा) और तिजारत (व्यवसाय) के लिए उठाए गए कदमों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी. तालीम और तिजारत के तहत मोदी सरकार की पहल को उजागर करने के लिए, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा नवंबर से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा, जिसमें मतदान वाले राज्य उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां मुस्लिम कुल मतदाताओं का लगभग 20प्रतिशत हिस्सा हैं.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने आईएएनएस को बताया कि मोदी सरकार ने मुसलमानों को शिक्षित करने और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए काम किया और पार्टी अपने विशेष अभियान ‘तालीम’ और ‘तिजारत’ के माध्यम से इन पहलों को उजागर करेगी.
उन्होंने कहा, ‘कार्यशाला के माध्यम से, हमारे कार्यकर्ता अल्पसंख्यकों को उनके उत्थान और सशक्तीकरण के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में बताएंगे. कार्यशालाएं हर जिले में आयोजित की जाएंगी. हमारे कार्यकर्ता उन्हें बेहतर तालीम का लाभ पाने के लिए योजनाओं के बारे में बताएंगे और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नया तिजारत शुरू करने के तरीके के बारे में भी बतााएंगे.’
योजना के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाएगी जिसमें अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं और इसका लाभ उठाने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा. प्रशिक्षित कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश और अन्य चुनावी राज्यों पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड की यात्रा करेंगे जहां अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होंगे.
बाद में देश के बाकी हिस्सों में भी इसी तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. कार्यशालाएं जिला एवं राज्य स्तर पर आयोजित की जाएंगी. सिद्दीकी ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करेंगे.’
भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में न्यूनतम 5,000मुस्लिम या अल्पसंख्यक वोट हासिल करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘लक्ष्य प्रत्येक विधानसभा सीटों पर कम से कम पांच हजार नए मुस्लिम वोट और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से अधिक वोट प्राप्त करना है.’