भाजपा 42 वां स्थापना दिवस: मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित, राजदूतों का होगा भाजपा मुख्यालय दौरा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-04-2022
भाजपा 42 वां स्थापना दिवस: मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित, राजदूतों का होगा भाजपा मुख्यालय दौरा
भाजपा 42 वां स्थापना दिवस: मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित, राजदूतों का होगा भाजपा मुख्यालय दौरा

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के 42 वें स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. इसके अलावा बुधवार को भाजपा मुख्यालय में विभिन्न देशों के राजदूतों का भी दौरा होगा.

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की यात्रा राष्ट्रीय सेवा के बारे में रही है, जबकि पार्टी ने गरीबों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम किया है.  किसान, दलित और सात दशकों तक वंचितों का सामना करने वाली महिलाएं के लिए पार्टी पूरी तरह समर्पित है.

शाह ने बुधवार को भाजपा के 42वें स्थापना दिवस पर कई ट्वीट किए. लिखा, ‘‘पार्टी के 42 वें स्थापना दिवस पर भाजपा को बरगद का पेड़ बनाने वाले सभी महान नेताओं को सलाम. नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा जनता और जनता के कल्याण के लिए आगे बढ़ रही है. मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. ‘‘

षाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीबों को घर, बिजली, गैस, शौचालय, बैंक खाता और स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराने का काम किया है.2014से पहले, दो समय का भोजन सुनिश्चित करना गरीबों के लिए एक बड़ा संघर्ष था.

बुधवार की सुबह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी मुख्यालय पर झंडा फहराया और श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया. पार्टी मुख्यालय में रक्तदान शिविर का भी आयोजन है.

प्रधानमंत्री सुबह 10बजे देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे. नड्डा सुबह 11बजे करोल बाग में एक जुलूस में शामिल होंगे. पार्टी 7-20अप्रैल के बीच ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा‘ मनाएगी. विभिन्न देशों के राजदूत भी आज नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय का दौरा करेंगे.

भाजपा भारतीय जनसंघ (बीजेएस) से निकली हुई पार्टी है. जनसंघ की स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी. बाद में जनता पार्टी बनाने के लिए बीजेएस को 1977 में कई पार्टियों के साथ मिला दिया गया.

1980 में, जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद ने अपने सदस्यों को पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  की ‘दोहरी सदस्यता‘ से प्रतिबंधित कर दिया. नतीजतन, जनसंघ के पूर्व सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी और 6 अप्रैल, 1980 को भाजपा का गठन किया गया.