भाजपा ने पसमांदा मुस्लिमों के लिए माँगा 50% आरक्षण

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 08-08-2022
भाजपा ने पसमांदा मुस्लिमों के लिए माँगा 50% आरक्षण
भाजपा ने पसमांदा मुस्लिमों के लिए माँगा 50% आरक्षण

 

नई दिल्ली. पसमांदा मुस्लिम स्नेह मिलन और सम्मान समारोह में भाजपा ओबीसी मोर्चा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया और जामिया हमदर्द आदि मुस्लिम संस्थानों में पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लिए 50 प्रतिषत आरक्षण की मांग की. यह भाजपा द्वारा शुरू किए गए आउटरीच कार्यक्रम की निरंतरता है. पसमांदा मुसलमानों के बीच अपना आधार बढ़ाने के लिए.

नई दिल्ली में आयोजित पसमांदा मुस्लिम स्नेह मिलन और सम्मान समारोह में बोलते हुए, भाजपा नेता के. लक्ष्मण ने कहा, ‘‘मैं समुदाय के भीतर पसमांदा मुसलमानों के सदियों पुराने अन्याय और शोषण की ओर आपका ध्यान आकर्षित करता हूं. पसमांदा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से कमजोर हैं. आजादी के 75 साल बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया है. पसमांदा का मुद्दा हिंदू-मुस्लिम ढोल के शोर में दब गया है. पसमांदा मुसलमानों को एएमयू और जेएमआई आदि संस्थानों में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.’’

नई दिल्ली. मुस्लिम समाज में मंडल आयोग की सिफारिशों के अनुरूप पिछड़े पसमांदा समुदाय के लिए बड़ी मांग उठाई गई. दूरगामी प्रभाव होने की संभावना में भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण ने शनिवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया और जामिया हमदर्द जैसे मुस्लिम संस्थानों में पसमांदा समुदाय के लिए 50% आरक्षण की मांग की. इस कदम ने समुदाय के एक वर्ग को नाराज कर दिया है. कई लोगों ने इसे जाति के आधार पर समुदाय को विभाजित करने के लिए एक चाल माना है.

भाजपा ने पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है, जो ‘निम्न जाति’ के मुसलमान हैं, जो ऐतिहासिक रूप से ‘उच्च जाति’ अशरफ मुसलमानों द्वारा उपेक्षित हैं. इससे पहले जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदाओं को एकजुट करने का आह्वान किया था. जुलाई की शुरुआत में हैदराबाद में संपन्न हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में, पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से दलित और उत्पीड़ित पसमांदा मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए कहा था.

इससे पहले, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष, आतिफ रशीद, जो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख हैं, ने एएमयू, जामिया और झामुमो के कुलपतियों को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों में पसमांदा मुसलमानों के लिए आरक्षण का अनुरोध किया था. बीजेपी ओबीसी मोर्चा की नई टिप्पणी इन मुस्लिम विश्वविद्यालयों के अब तक इन पत्रों का जवाब नहीं देने के आलोक में आई है. 15 जून को लिखे एक पत्र में, रशीद ने लिखा, ‘‘हमने अल्पसंख्यक संस्थानों के तीन वी-सी को पसमांदा मुसलमानों के लिए मुस्लिम कोटे के भीतर 50 प्रतिशत आरक्षित करने के लिए कहा. इससे  किसी को परेशान नहीं होना चाहिए या विश्वविद्यालयों के भीतर समीकरण नहीं बदलना चाहिए, क्योंकि हम केवल कोटा के भीतर ही कोटा मांग रहे हैं, जो पहले से ही चलन में है.

आतिफ रशीद का पत्र सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों तक ही सीमित नहीं था. उन्होंने कई राजनीतिक नेताओं और अन्य संस्थानों को लिखा था जो मुस्लिम नियंत्रित हैं कि ‘‘हमने केंद्र सरकार के हर मंत्री और लगभग 250 सांसदों को भी लिखा. ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण ने जवाब दिया और हमारा समर्थन किया. उन्होंने संसद में सवाल उठाया है.’’ कथित तौर पर, पसमांदा मुसलमानों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए देश भर में अल्पसंख्यक स्थिति वाले 5,200 मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों को पत्र लिखे गए थे.