बिहारः राजद में फूट, पार्टी उम्मीदवार को पीटने के आरोपी तेजप्रताप यादव ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 25-04-2022
तेजप्रताप अपने शिगूफों के लिए जाने जाते हैं
तेजप्रताप अपने शिगूफों के लिए जाने जाते हैं

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

पार्टी के एक युवा नेता की पिटाई के आरोपों का सामना कर रहे राजद नेता तेज प्रताप यादव ने सोमवार को अपने पिता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद राजद से इस्तीफे की घोषणा की.

राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने घोषणा की कि वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे. अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता ने कहा कि पार्टी में अपने समय के दौरान, उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं के साथ 'अपने पिता की तरह' सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करने की कोशिश की.

तेज प्रताप ने ट्वीट में लिखा, "बहुत जल्द मैं अपने पिता से मिलूंगा और इस्तीफा दूंगा." जिसमें उनकी मां राबड़ी देवी, भाई तेजस्वी यादव और बहन मीसा भारती सहित राजद के प्रमुख नेताओं को टैग किया गया था.

क्या है तेजप्रताप यादव के इस्तीफे के पीछे

असल में, तेजप्रताप यादव शुरू से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश करते रहे हैं. सियासी शिगूफेबाजी में उनके लटके-झटके पिता लालू यादव सरीखे ही रहे हैं. जलेबी छानने  से लेकर कभी कृष्ण का रूप धरने तो कभी शिव की मुद्रा अपनाने को भी ध्यान खींचने की रणनीति ही माना जाता रहा है.

बिहार की राजनीति में राजद में तेजप्रतार के छोटे भाई तेजस्वी ने तेजी से जगह और स्वीकार्यता हासिल की और इससे भी तेजप्रताप असुविधाजनक स्थिति में रहे.

हालिया प्रकरण तब शुरू हुआ जब तेजप्रताप यादव ने बिहार के राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह को 'हिटलर' कह दिया था. जगदानंद सिंह ने उनकी इस बात से नाराज होकर, पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद लालू प्रसाद ने दखल दी तो जगदानंद सिंह ने अपना निर्णय बदल दिया और पद संभाल लिया.

इसके बाद जगदानंद सिंह ने गगन कुमार को छतरा में राजद के अध्यक्ष के रूप में नामित किया, जो तेजप्रताप यादव के करीबी आकाश यादव की जगह थी. हालांकि, यह फैसला तेजस्वी यादव के साथ चर्चा के बाद लिया गया था लेकिन इस निर्णय तेजप्रताप बेहद नाराज उठे.

अब तेजप्रताप ने फिर से बिहार में जगदानंद सिंह को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग करना शुरू कर दिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दरअसल इसी बात को लेकर दोनों के रिश्ते में खटास आ गई थी.

इसके बाद, दिल्ली में महीनों तक रहने के बाद, जब लालू यादव पटना आए, तो तेज प्रताप ने अपने आवास के बाहर धरना दिया, जिसमें तेजस्वी सहित अपने विरोधियों पर उन्हें अपने पिता के साथ समय बिताने से रोकने का आरोप लगाया. लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के घर आने और उनके साथ समय बिताने के बाद ही तेज प्रताप को शांत किया गया.

हालांकि, परिवार में सब चीजें दुरुस्त लगने लगी थीं और तेजस्वी यादव के राचेल गोडिन्हो जो अब राजश्री कही जाती हैं के साथ शादी के दौरान तेजप्रताप को पारिवारिक तस्वीरों में देखा गया था. साथ ही पटना के 10 सर्कुलर रोड पर आयोजित इफ्तार पार्टी में भी दोनों साथ नजर आए थे.