बिहारः नक्सल प्रभावित क्षेत्र की तस्वीर बदलने निकले सऊदी अरब के भारतीय प्रवासी

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 09-03-2021
बिहारः नक्सल प्रभावित क्षेत्र की तस्वीर बदलने निकले सऊदी अरब के भारतीय प्रवासी
बिहारः नक्सल प्रभावित क्षेत्र की तस्वीर बदलने निकले सऊदी अरब के भारतीय प्रवासी

 

सेराज अनवर / पटना
सऊदी में काम करने वाले भारत के विभिन्न राज्यों के युवाओं को संगठित कर मध्य बिहार के नक्सल प्रभावित इलाके की तस्वीर बदलने की कोशिश चल रही हैं. उनके प्रयासों से बहुत कुछ बदला भी है. कभी नक्सलियों के भय से वीरान रहने वाला इलाका अब गुलजार होने लगा है. शिक्ष और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

विरान पड़े स्कूल फिर से आबाद होने लगे हैं. यहां तक कि अंग्रेजी कोचिंग सेंटर खोल कर युवाओं को फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना भी सिखाया जा रहा है. इलाके के काया पलट का यह काम सऊदी अरब में काम करने वालों के आर्थिक सहयोग से संचालित होप फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है.

प्रवासी भारतीय फाउंडेशन के संचालन के लिए अपनी सैली से योगदान देते हैं. फाउंडेशन के 100 सदस्यों में, हिंदू-मुसलमान सभी हैं. फाउंडेशन के संचालन का जिम्मा मध्य बिहार के नक्सल प्रभावित गया जिले के बैंदा गांव के शौकत अली ने उठा रखा है. कभी वह भी रियाद एयरपोर्ट पर काम करते थे. अब वहां से आकर मानव सेवा में लग गए हैं.

फाउंडेशन की ओर से नक्सल प्रभावित बैंदा में एक स्कूल एवं इंग्लिश कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा है, जहां बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ किताबें भी दी जाती हैं. होप फाउंडेशन की स्थापना 2017 में की गई थी. हाल में
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बैंदा गांव में एक व्यापक मेडिकल कैंप लगाया गया, जिसमें हार्ट, किडनी, टीबी, सुगर, बीपी, हड्डी, दांत और आंख आदि रोगों की जांच की गई और मरीजों को मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई गईं.

कैंप को सफल बनाने में  फिजिशियन डॉ मोव शहाबुद्दीन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चौधरी राजनंदन प्रसाद, होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ एस रजाउल्लाह, महिला रोग विशेषज्ञ डा विद्या ज्योति, दांत चिकित्सक डा शकेब खान अफरीदी व डा रफत सुल्ताना, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा संजय कुमार, सर्जन डा अमित कुमार, आंख रोग के चिकित्सक डा प्रदीप कुमार, डा जावेद इकबाल और डा मजहर और फाउंडेशन के सचिव सलीम खान, उपाध्यक्ष  शारिक खान, मीडिया एवं मार्केटिंग हेड कामिल अहमद,पब्लिक रिलेशन ऑफिसर अबू तालिब और सऊद आलम व सरफराज अहमद आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. फाउंडेशन के सदस्यों में बिहार के सुपौल के संदीप, दरभंगा के दिनेश यादव,विक्की भी शामिल हैं और वे सभी सऊदी अरब के रियाद एयरपोर्ट पर कार्यरत हैं. दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से एमबीए शौकत ने भी लंबे समय तक रियाद एयरपोर्ट पर काम किया है.


शौकत कहते हैं कि विदेश में रहते उन्हें अपने वतन की सेवा का आइडिया आया. आखिरकार यहां आकर इस काम में जुट गए. उनके प्रयासों से बिहार और झारखंड में दो विद्यालय स्कूल ऑफ होप खोले गए हैं. उनमें से एक झारखंड के गोमिया  और दूसरा बिहार के कटिहार में है. गया के नक्सली इलाके में तीन महीने पहले अंग्रेजी कोचिंग सेंटर खोला गया .

वह कहते हैं,’’ होप फाउंडेशन की मदद से ग्रामीण परिवेश की तस्वीर भी बदल रही है. कभी इस इलाके में सैकड़ों की संख्या में नक्सलियों ने मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया था. वे भय के मारे इलाका छोड़ गए थे. अब वे वापस आने लगे हैं. लॉकडाउन में फाउंडेशन की ओर से निर्धन और असहाय लोगों की भी मदद की गई. संस्था वृक्षारोपण,शराबबंदी को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाती है. शौकत इन कामों के लिए दिल्ली में गौहर आजाद एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं.