बिहार को मिले 36253 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव: शाहनवाज हुसैन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-05-2022
बिहार को मिले 36253 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव: शाहनवाज हुसैन
बिहार को मिले 36253 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव: शाहनवाज हुसैन

 

नई दिल्ली. बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने गुरुवार को कहा कि पिछले एक साल में 555 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए 36,253 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. 

बिहार को पूर्वी भारत के प्रमुख निवेश स्थलों में से एक के रूप में प्रदर्शित करने के लिए 'इन्वेस्टर्स मीट' के बारे में विवरण साझा करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, हुसैन ने कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, सतत औद्योगीकरण के पथ पर आगे बढ़ने के लिए बिहार तेजी से कदम उठा रहा है."

उन्होंने कहा, "बिहार सरकार नीति/नियामक सुधार, बुनियादी ढांचे के विकास और संस्थागत सुधार जैसे परिणामोन्मुखी उपायों के माध्यम से व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) में सुधार के लिए गंभीर और ठोस प्रयास कर रही है."

हुसैन ने उल्लेख किया कि पिछले साल 'बिहार इथेनॉल उत्पादन संवर्धन नीति 2021' जैसी क्षेत्र केंद्रित नीतियां सफल रहीं और 30,382 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव केवल इथेनॉल नीति के तहत प्राप्त हुए.

उन्होंने कहा, "बिहार देश का इथेनॉल हब बनने की ओर बढ़ रहा है और पहले चरण में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में 17 इथेनॉल उत्पादन इकाइयां स्थापित की जा रही हैं. इथेनॉल नीति 2021 के शुभारंभ के बाद, 30 अप्रैल को पूर्णिया में देश की पहली ग्रीनफील्ड अनाज आधारित इथेनॉल इकाई का उद्घाटन किया गया."

उन्होंने कहा कि अब उद्योग विभाग बिहार टेक्सटाइल एंड लेदर पॉलिसी 2022, बिहार लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022 और बिहार एक्सपोर्ट पॉलिसी 2022 लाने के लिए तैयार है.

बिहार का उद्योग विभाग 12 मई को राष्ट्रीय राजधानी में सभी क्षेत्रों में प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने और जुटाने के लिए एक 'निवेशक बैठक' (इनवेस्टर मीट) का आयोजन कर रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अन्य वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री और उद्योग जगत के नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.

उन्होंने कहा, "बिहार की छवि अब बदल रही है. यह एक नया बिहार है, जो व्यवसायों को स्थापित करने और फलने-फूलने के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की पेशकश करते हुए ²ढ़ और पूरी तरह से तैयार है. बिहार निवेशकों के विश्वास को वास्तविकता में बदलने के लिए रेड कार्पेट बिछा रहा है."

यह दावा करते हुए कि बिहार के पास एक उत्कृष्ट स्थानगत लाभ (लोकेशनल एडवांटेज) है, हुसैन ने कहा कि उद्योग विभाग ने औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं.

हुसैन ने कहा, "महामारी के बाद कई कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की योजना बना रही हैं और अपनी उत्पादन सुविधाओं को नए स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए तैयार हैं जहां उन्हें उपयुक्त निवेश के अवसर और एक अनुकूल व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र मिलता है. बिहार हाल के दिनों में निवेश को आकर्षित करने के लिए लगातार काम कर रहा है और देश के पूर्वी हिस्से में एक अनुकूल निवेश गंतव्य बनने का प्रयास कर रहा है."